इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 16-17 जुलाई 2019 को है। यह आंशिक रूप से होगा और भारत में दिखाई देगा। इसका समय 16 जुलाई की देर रात यानी रात 01:31 से सुबह 04:31 तक रहेगा। इस ग्रहण का असर भारत के साथ ही आस्ट्रेलिया, अफ्रीका, एशिया, यूरोप और दक्षिण अमेरिका में भी होगा।
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में लगने वाला यह ग्रहण धनु राशि में होगा। 2019 में कुल 2 चंद्र ग्रहण हैं। जिसमें से पहला चंद्र ग्रहण 21 जनवरी को लग चुका है। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण था और अब जुलाई में साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण लगने वाला है।
इस बार गुरु पूर्णिमा पर्व वाले दिन चंद्र ग्रहण लग रहा है। गुरु पूर्णिमा पर यह लगातार दूसरे साल चंद्र ग्रहण लग रहा है। इससे पहले 27 जुलाई को गुरु पूर्णिमा पर ही खग्रास चंद्र ग्रहण था। क्योंकि ग्रहण से पहले सूतक लग जाता है। इसलिए गुरु पूर्णिमा पर गुरु पूजा के कार्यक्रम सूतक लगने से पहले तक ही होंगे।
माना जाता है कि सूतक के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। एक दुर्लभ योग इस बार के चंद्र ग्रहण पर बन रहा है।
वर्ष 1870 में 12 जुलाई को यानी 149 साल पहले बना था। जब गुरु पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण हुआ था और उस समय भी शनि, केतु और चंद्र के साथ धनु राशि में स्थित था। सूर्य, राहु के साथ मिथुन राशि में स्थित था।
ग्रहण के समय ग्रहों की स्थिति: शनि और केतु ग्रहण के समय चंद्र के साथ धनु राशि में रहेंगे। जिससे ग्रहण का प्रभाव ज्यादा पड़ेगा। सूर्य के साथ राहु और शुक्र भी रहने वाले हैं। सूर्य और चंद्र चार विपरीत ग्रह शुक्र, शनि, राहु और केतु के घेरे में रहेंगे। इस दौरान मंगल नीच का रहेगा।
ग्रहों का यह योग और इस पर लगने वाला चंद्र ग्रहण तनाव बढ़ा सकता है। ज्योतिष अनुसार भूकंप का खतरा रहेगा और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान होने के योग भी बन रहे हैं।