हर लड़की के मन में अपने जीवनसाथी के बारे में कल्पनाएं होती है कि उसका पति सुंदर हो, हष्ट-पुष्ट हो, आकर्षक व्यक्तित्व वाला, पढ़ा-लिखा, उत्तम गुणों वाला हो आदि-आदि। माता-पिता का भी अपने लड़की के प्रति कुछ ऐसा ही सपना होता है कि उनकी बेटी सुखी रहे, उसे अच्छा वर मिले, घर परिवार अच्छा हो।
लड़की की पत्रिका में सप्तम भाव से उसके भावी जीवनसाथी का विचार किया जाता है। नवांश कुंडली को भी देखना चाहिए। सप्तम भाव, सप्तमेश, सप्तम भाव में पड़ने वाली दृष्टियां, सप्तम भाव में अन्य ग्रहों की युति, सप्तमेश किन ग्रहों के साथ है, सप्तमेश वक्री है या अस्त, नीच का या उच्च का आदि।
पत्रिका के माध्यम से भावी जीवनसाथी की झलक पहले से ही मिल सकती है।
-
सप्तम भाव में शनि हो तो अपनी उम्र वाला वर मिलेगा, रंग सांवला भी हो सकता है।
-
सप्तमेश शुक्र उच्च का होकर द्वादश भाव में हो तो जन्म स्थान से दूर विवाह होगा, लेकिन पति सुंदर होगा।
-
सप्तम भाव में मंगल उच्च का हो तो ऐसी कन्या को वर उत्तम, तेजस्वी स्वभाव का, पुलिस या सेना में काम करने वाला मिल सकता है।
-
सप्तम भाव में धनु का गुरु हो तो ऐसी कन्या को मिलने वाला वर सुंदर, गुणी, उद्यमी या वकील, शिक्षक या बैंककर्मी भी हो सकता है।
-
मंगल के साथ शनि हो तो ऐसी कन्या को वियोग का योग होता है।
-
शुक्र-शनि साथ हो तो ऐसी कन्या को वर सांवला, सुंदर, आकर्षक, इंजीनियर या चिकित्सा के क्षेत्र में मिलेगा। धनवान भी हो सकता है।
-
सप्तमेश सप्तम भाव में उच्च का हो तो ऐसी कन्या का वर भाग्यशाली होगा, लेकिन विवाह बाद उसे अधिक लाभ रहेगा।