18 नवंबर 2017 को शनि अमावस्या है, इस बार शनि अमावस्या पर अत्यंत विशेष संयोग विशाखा नक्षत्र में शोभन योग बन रहा है। इससे पहले 1987 में शनि अमावस्या पर शोभन योग बना था।
ऐसा माना जाता है कि साढ़ेसाती एवं ढैय्या के दौरान शनि ग्रह व्यक्ति पर शुभ-अशुभ फल प्रदान करता है। शनि अमावस्या पर शनिदेव की पूजा कर व्यक्ति शनि के कोप से बचाव कर सकता है। इस साल शनि अमावस्या विशाखा नक्षत्र शोभन योग में शाम 5:12 तक रहेगी। जिनके यहां कोई मंगलकार्य नहीं हो पा रहा है वे अपने पितरों के निमित्त दान करें। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए इस दिन व्रत रखना चाहिए, ऐसा करने से शनि दोष से छुटकारा मिलता है। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिदेव के कवच, बीज मंत्र और स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
शनि अमावस्या पर क्या करें दान
सवा मीटर सफेद कपड़े में सवा किलो धान और सवा मीटर काले कपड़े में सवा किलो काली उरद की दाल की एक पोटली बनाएं और फिर घर के मुख्यद्वार से सात बार उतारकर पीपल के वृक्ष के नीचे रख दें या किसी योग्य ब्राह्मण को दान दें। राशियों के मुताबिक, मेष, कन्या, वृश्चिक राशि वाले जातक शनि अमावस्या वाले दिन सुबह 9 बजे से 10:30 के बीच नारियल पर तिल का तेल लगाकर काले कपड़े में लपेटकर, शरीर पर सात बार उतारकर जल में प्रवाहित करने से आपको लाभ मिलेगा। वृषभ, कुंभ, धनु, मीन राशि वाले जातक शनि अमावस्या वाले दिन काली उड़द की खिचड़ी बनाकर काली गाय, काले कुत्ते और फिर कौए को खिलाएं। इन उपायों को करने से धन आगमन के रास्ते खुलेंगे।
मिथुन, कर्क, सिंह, तुला व मकर राशि वाले जातक इस दिन नदी में खड़े होकर पितरों को जल दें तथा भगवत गीता के 18 वें अध्याय का पाठ करें, साथ ही गायत्री मंत्र की माला का जप भी कर सकते हैं। ॐ शं शनिश्चराय नम: का जप करें।