वृषभ राशि का स्वामी शुक्र है, अत: आपके व्यक्तित्व में स्वाभाविक रूप से आकर्षण रहेगा। आपकी कदकाठी और शारीरिक बनावट लोगों को सहज आकर्षित कर सकती है। आप स्वभाव से हंसमुख हो सकते हैं। आपकी वाणी प्रभावशाली होगी। आपमें किसी विषय वस्तु को सीखने की अद्भुत क्षमता होगी। आप किसी भी परिस्थिति को अपने प्रयासों द्वारा संभाल सकने में सक्षम हैं। आप पूर्ण ईमानदारी और लगन के साथ अपने परिवार का ख्याल रखते हैं।
वृषभ राशि वाले जातक उत्तम कद के होते हुए इकहरे शरीर वाले होते हैं। शुक्र प्रधान होने से विपरीत लिंग की ओर आकर्षित रहते हैं। सुंदरता अधिक लुभाती है। शुक्र उच्च स्वराशि का हो तो कला, सौन्दर्य प्रसाधनों में अच्छी सफलता पाते हैं।
वृषभ राशि : शनि की अढैया, राहु के तीसरे भाव से घटनाएं तेजी से घटेंगी। शुभ-अशुभ अनुभव होंगे। वर्षा के उत्तरार्द्ध में सुधार होंगे। कुछ परिवर्तन होंगे।
व्यवसाय- उद्योग व व्यापार में परिवर्तन, पुराने अनुबंधों में व्यवधान होंगे। साझेदारी में तनाव, मतभेद हो सकते हैं। उतार-चढ़ाव रहेंगे। विवेक से कार्य करें। स्थिति अनुकूल होगी। व्यापार का विस्तार तथा स्थान परिवर्तन हो सकता है। नौकरी में स्थिति तनावपूर्ण रह सकती है। अंतत: लाभ होगा।
धन-संपत्ति- कार्य के लिए पूंजी की व्यवस्था में जोर लगाना पड़ेगा। नवीनीकरण तथा स्थायी संपत्ति की खरीदी के लिए व्यय होगा। धीरे-धीरे लाभ में वृद्धि होगी। कर्ज का भार बढ़ सकता है। लेनदारी में विलंब होगा। बैंक-बैलेंस में कमी रहेगी। कारोबार में वृद्धि के लिए धीरज धरना होगा।
घर-परिवार- पारिवारिक मतभेद हो सकते हैं। तनाव बना रहेगा। विशेष प्रयासों से शांति रहेगी। विवाह आदि के बड़े आयोजनों के लिए स्वयं जवाबदारी ले सकेंगे। मांगलिक कार्य होंगे। कुंआरों के विवाह की इच्छा पूर्ण होने का योग है। संतान प्राप्ति हो सकती है। वर्ष के मध्य में तनाव बढ़ेगा।
स्वास्थ्य- पिछले वर्ष से यह वर्ष स्वास्थ्य के मामले में अच्छा रहेगा। कार्यक्षमता में वृद्धि होगी। रक्तचाप हो सकता है। पुरानी व्याधियां परेशानी का कारण बनेंगी। खान-पान में ध्यान रखें। वृद्धजनों की याददाश्त में कमी होगी। तनाव कम करें। योग, व्यायाम व भ्रमण आदि से लाभ होगा। स्त्रियां अपना ध्यान विशेष रखें।
परीक्षा-प्रतियोगिता-करियर- किसी विशेष शिक्षा की योजना में बदलाव हो सकता है। एकाग्रता में कमी, चित्त की अशांति से शिक्षा से दूर भी हो सकते हैं। लक्ष्य साधने में विघ्न आएंगे। वर्ष के आखिरी में कुछ मदद मिलेगी। प्रतिद्वंद्विता रहेगी। शिक्षा के संसाधनों में कमी महसूस होगी।
यात्रा-प्रवास-तबादला- कार्यक्षेत्र में बदलाव के योग हैं। अनचाही जगह जाना पड़ सकता है। मनोरंजक तथा तीर्थयात्रा के योग हैं। व्यावसायिक यात्राएं लाभदायक व मनोनुकूल नहीं रहेंगी। घर से दूर स्थानांतरण हो सकता है।
धार्मिक कार्य- यह वर्ष सामाजिक कार्यों में जिससे लोकोपकार हो, गरीबों को भोजन, वृक्षारोपण, प्याऊ आदि लगाना तथा अस्पताल आदि में मरीजों-गरीबों की सेवा इत्यादि में रुझान रहेगा। तीर्थदर्शन-कथा श्रवण इत्यादि में समय व धन खर्च करने की इच्छा बनेगी। दान-पुण्य के कार्यों से शांति प्राप्त होगी।
कल्याणकारी उपाय- शनि महाराज की प्रसन्नता के लिए मंत्र-स्तोत्र आदि के जप-पाठ तथा शनिवार को हनुमानजी को दीपदान तथा हनुमान चालीसा के पाठ से लाभ होगा। सुबह चींटियों को आटा-शकर चुगाएं। अपंगों की सेवा करें।