मेष राशि : मेष राशि के जातक साहसी, बुद्धिमान और व्यवहारिक होते हैं। आर्थिक रूप से संपन्न तथा भोग-विलास प्रिय होते हैं। इसका स्वभाव स्पष्टवादी होता है। सुंदर शारीरिक बनावट और मानसिक रूप से मजबूत लेकिन अपनी उपलब्धियों से असंतुष्ट रहते हैं। अक्सर क्रोध और धैर्य की कमी से इनके बनते काम भी बिगड़ जाते हैं।
मेष राशि वाले जातक मध्यम कद-काठी के होते हैं। इनमें साहस गजब का होता है। ये पुलिस, राजनीति व गुप्त मंत्रणाओं में अच्छी सफलता पाने वाले होते हैं। स्वभाव कुछ उग्र हो सकता है। मंगल उच्च या स्वराशि का हो तो जीवन में उत्तम सफलता अर्जित करते हैं।
इस वर्ष शनि बली अवस्था में हैं। यदि कुंडली में ठीक न हो तो विपरीत प्रभाव मिलेंगे। गत वर्ष की तुलना में यह वर्ष ठीक रहेगा। व्यवसाय- व्यवसाय व कारोबार की दृष्टि से अच्छी प्रगति होगी। कार्यकुशलता का विकास तथा कार्य की अधिकता रहेगी। नौकरी में जवाबदारी बढ़ेगी। वर्ष के मध्य में पदोन्नति के योग हैं। व्यापार में वृद्धि होगी। नए कार्य प्रारंभ करने में सफलता प्राप्त होगी। आय के स्रोत बढ़ेंगे।
धन-संपत्ति- स्थायी संपत्ति में वृद्धि होगी। कर्ज से मुक्ति मिलेगी। व्यापार आदि के लिए पूंजी की व्यवस्था सहज होगी। पारिवारिक आय में वृद्धि होगी। नवीनीकरण तथा संसाधन की प्राप्ति के लिए खर्च हो सकता है। कार्य का विस्तार होगा। आमदनी होती रहेगी। भाग्य साथ देगा।
घर-परिवार- घर में ध्यान दे नहीं पाएंगे। व्यस्तता रहेगी। परिवार में मांगलिक कार्य हो सकते हैं। परिवार के सदस्यों की संख्या में वृद्धि होगी। संतान प्राप्ति के योग हैं। वर्ष के उत्तरार्द्ध में परिवार की उन्नति होगी। शिक्षा, नौकरी व स्वास्थ्य की चिंता कम रहेगी।
स्वास्थ्य- जोड़ों की तकलीफ, पेट संबंधी रोग तथा हड्डी की टूट-फूट की आशंका है। स्त्रियां कमजोरी, रक्ताल्पता, स्त्रीजनित रोगों से परेशान रह सकती हैं। खान-पान का ध्यान रखें। अनियमित जीवन सुधारें।
परीक्षा-प्रतियोगिता-करियर- परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता के योग हैं। कार्यक्षमता का भरपूर उपयोग कर पाएंगे। करियर बनाने के लिए सुअवसर है। अध्ययन में मन लगेगा। एकाग्रता रहेगी। प्रमाद से बचें।
यात्रा-प्रवास-तबादला- वर्ष के पूर्वार्द्ध में कार्यक्षेत्र में परिवर्तन या तबादला मनोनुकूल नहीं होगा। लंबी यात्राओं के योग हैं। कार्य के लिए विदेश यात्रा हो सकती है। तीर्थदर्शन भी होंगे।
धार्मिक कार्य- किसी बड़े धार्मिक आयोजन की रूपरेखा बनेगी। देव-दर्शन होंगे। छोटी-मोटी यात्राएं होती रहेंगी। उन्नति तथा आत्मिक शांति के लिए पूजा-अनुष्ठान होंगे। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी।
कल्याणकारी उपाय- हनुमानजी का पूजन-अर्चन तथा शनि मंत्र स्तोत्र आदि के नियमित पाठ-जप से कष्ट में कमी तथा इच्छापूर्ति में सहायता मिलेगी। मछलियों को उड़द के आटे की गोलियां खिलाएं। गरीबों को भोजन कराएं।