नई दिल्ली। असम विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण में किस्मत आजमा रहे उम्मीदवारों में से 16 प्रतिशत के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। असम चुनाव निगरानी समूह और एडीआर ने प्रथम चरण में चुनावी मैदान में उतरे 264 में से 259 उम्मीदवारों के हलफनामों का आकलन किया।
एडीआर ने बताया कि 259 में से 41 यानी 16 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है और 34 यानी 13 प्रतिशत ने उनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने का खुलासा किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, 259 उम्मीदवारों में से 101 करोड़पति हैं। शैक्षणिक पृष्ठभूमि की जानकारी देते हुए रिपोर्ट में बताया गया कि 97 यानी 37 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता पांचवीं से 12वीं कक्षा के बीच बताई है, जबकि 157 यानी 61 प्रतिशत उम्मीदवारों ने शैक्षणिक योग्यता स्नातक या उससे अधिक बताई है। वहीं चार उम्मीदवारों के पास डिप्लोमा और एक केवल साक्षर है।
रिपोर्ट के अनुसार, 67 यानी 26 प्रतिशत उम्मीदवारों की उम्र 25 से 40 वर्ष और 153 यानी 59 प्रतिशत उम्मीदवार 41 से 60 वर्ष की आयु के हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 38 यानी 15 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपनी उम्र 61 से 70 वर्ष बताई है। वहीं एक उम्मीदवार 85 वर्ष के हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, प्रथम चरण में 25 यानी 10 प्रतिशत महिला उम्मीदवार हैं। इस रिपोर्ट के लिए प्रथम चरण के कांग्रेस के 43 में से 10 उम्मीदवारों, असम जातीय परिषद के 41 में से आठ उम्मीदवार, भाजपा के 39 में से तीन, राकांपा, एजीपी और एसयूसीआई (सी) के एक-एक उम्मीदवारों के हलफनामों का आकलन किया गया, जिन्होंने अपने खिलाफ आपराधिक मामले होने की घोषणा की है।
वहीं कांग्रेस के नौ, असम जातीय परिषद के छह, भाजपा के तीन, राकांपा, एजीपी और एसयूसीआई (सी) के एक-एक उम्मीदवार ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले होने की घोषणा की है। गंभीर आपराधिक मामले गैर-जमानती अपराध हैं, जिसमें पांच साल तक की कैद हो सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार, पांच उम्मीदवारों ने महिलाओं के खिलाफ अत्याचार से जुड़े मामले उनके खिलाफ दर्ज होने का खुलासा किया है। एक उम्मीदवार ने अपने खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज होने की जानकारी दी है। असम में 126 सदस्यीय विधानसभा के लिए तीन चरणों में 27 मार्च, एक अप्रैल और छह अप्रैल को चुनाव होगा।(भाषा)