Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

Covid-19 : योग की इन 3 नेती क्रियाओं से होता है चमत्कारिक लाभ

हमें फॉलो करें Covid-19 : योग की इन 3 नेती क्रियाओं से होता है चमत्कारिक लाभ
योग में बहुत सारी क्रियाओं का उल्लेख मिलता है। आसन, प्राणायाम के बाद क्रियाओं को भी करना सीखना चाहिए। क्रियाएं करना बहुत कठिन माना जाता है, लेकिन क्रियाओं से तुरंत ही लाभ मिलता है। योग में प्रमुखत: छह क्रियाएं होती है:-1. त्राटक 2. नेती. 3. कपालभाती 4. धौती 5. बस्ती 6. नौली। यहां प्रस्तुत है नेती के बारे में जिसे किसी योग शिक्षक के सानिध्य में करने से चमत्कारिक लाभ मिलता है।

 
नेती क्रिया : इसे तीन तरह से किया जाता है:- 1.सूत नेती 2.जल नेती और 3.कपाल नेती।
 
1. सूत नेती : एक मोटा लेकिन कोमल धागा जिसकी लंबाई बारह इंच हो और जो नासिका छिद्र में आसानी से जा सके लीजिए। इसे गुनगुने पानी में भिगो लें और इसका एक छोर नासिका छिद्र में डालकर मुंह से बाहर निकालें। यह प्रक्रिया बहुत ही धैर्य से करें। फिर मुंह और नाक के डोरे को पकड़कर धीरे-धीरे दो या चार बार ऊपर-नीचे खींचना चाहिए। इसी प्रकार दूसरे नाक के छेद से भी करना चाहिए। एक दिन छोड़कर यह नेती क्रिया करनी चाहिए।
 
2. जल नेती : दोनों नासिका से बहुत ही धीरे-धीरे पानी पीएं। गिलास की अपेक्षा यदि नलीदार बर्तन होतो नाक से पानी पीने में आसानी होगी। यदि नहीं होतो पहले एक ग्लास पानी भर लें फिर झुककर नाक को पानी में डुबाएं और धीरे-धीरे पानी अंदर जाने दें। नाक से पानी को खींचना नहीं है। ऐसा करने से आपको कुछ परेशानी का अनुभव होगी। गले की सफाई हो जाने के बाद आप नाक से पानी पी सकते हैं।
 
3. कपाल नेती : मुंह से पानी पी कर धीरे-धीरे नाक से निकालें।
 
नेती क्रिया के लाभ
1. इससे आंखों की दृष्टि तेज होती है।
2. इस क्रिया के अभ्यास से नासिका मार्ग की सफाई होती है।
3. इससे कान, नाक, दांत, गले आदि के कोई रोग नहीं हो पाते हैं।
5. इसे करते रहने से सर्दी, जुकाम, कफ और खांसी की शिकायत नहीं रहती।
6. इस क्रिया को करने से दिमाग का भारीपन हट जाता है, जिससे दिमाग शांत, हल्का और सेहतमंद बना रहता है।

7. नेती क्रिया को मुख्यत: श्वसन संस्थान के अवयवों की सफाई के लिए प्रयुक्त किया जाता है। इसे करने से प्राणायाम करने में भी आसानी होती है। यह गले और फेफड़ों में कफ जमा नहीं होने देती है।
 
सावधानी : सूत को नाक में डालने से पहले गरम पानी में उबाल लिया जाता है जिससे किसी प्रकार के जीवाणु नहीं रहते। नाक, गले, कान, दांत, मुंह या दिमाग में किसी भी प्रकार की समस्या होतो नेती क्रिया योगाचार्य के मार्गदर्शन में करना चाहिए। इसे करने के बाद कपालभाती कर लेना चाहिए।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

फिटनेस की डोज़, आधा घंटा रोज : वर्कआउट को बना लें आदत