Places to do yoga practice: योग, ध्यान या प्राणायाम करने के लिए उपयुक्त स्थान और वातावरण का होना जरूरी है। इसीलिए योगाभ्यास करने के पूर्व अच्छे से स्थान का चयन जरूर करें। क्योंकि यदि स्थान सही नहीं है तो योग का उचित और भरपूर लाभ नहीं मिल पाएगा। जैसे भजन करने के लिए या पूजा करने के मंदिर की जरूरत होती है उसी तरह योगसन करने के लिए उचित स्थान जरूरी है।
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ऐसा स्थान हो जहां पर प्रदूषण न हो। हवा साफ सुधरी हो।
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स्थान साफ-सुथरा और सामान्य तापमान वाला हो।
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ज्यादा शोरगुल वाला स्थान नहीं होना चाहिए।
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प्राकृतिक संपदा से भरपूर स्थान हो तो अच्छा।
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यदि किसी कमरे में कर रहे हैं तो वह हवादार हो और जहां पर धूप आती हो।
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बांस और घास से बनी एक छोटी कुटिया भी हो सकती है। कुटिया की जमीन समतल, गोबल से लिपी-पुती हो।
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सुबह सुबह आप घर की बालकनी में भी योगासन करते हैं बशर्ते की वहां पर प्रदूषण न हो।
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घर की छत पर भी योगासन किया जा सकता है।
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किसी स्टेडियम में भी योगाभ्यास कर सकते हैं।
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किसी नदी या समुद्र के किनारे भी योगाभ्यास किया जा सकता है।
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ऊंचे पहाड़ पर भी योगाभ्यास किया जा सकता है।