Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

Year Ender 2023: BJP की प्रचंड जीत,डॉ. मोहन यादव की ताजपोशी और शिवराज-कमलनाथ की विदाई के लिए यादगार रहेगा साल

हमें फॉलो करें Year Ender 2023: BJP की प्रचंड जीत,डॉ. मोहन यादव की ताजपोशी और शिवराज-कमलनाथ की विदाई के लिए यादगार रहेगा साल
webdunia

विकास सिंह

, मंगलवार, 26 दिसंबर 2023 (10:15 IST)
साल 2023 में मध्यप्रदेश सियासी खबरों के लिए सुर्खियों के केंद्र मे रहा है। विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद पार्टी आलाकमान ने उज्जैन दक्षिण से भाजपा विधायक डॉ. मोहन यादव को मध्यप्रदेश की बागडोर सौंपकर सभी को हैरत में डाल दिया। भाजपा की तीसरी बार के विधायक डॉ. मोहन यादव ओबीसी वर्ग से आते है और उन्हें चार बार मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान की जगह प्रदेश की कमान सौंपी गई है। भाजपा आलाकमान ने डॉ मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाने के साथ राजेंद्र शुक्ल और जगदीश देवड़ा को उपमुख्मंत्री बनाकर जातिगत समीकरण को साधने की कोशिश की है।

कैबिनेट के गठन में चला ‘दिल्ली फॉर्मूला’- डॉ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के 12 दिन बाद अपनी मंत्रिपरिषद का गठन किया, जिसमें 28 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। मंत्रिपरिषद के गठन में केंद्रीय नेतृत्व का सीधा दखल देखा गया, जिसमें कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद सिंह पटेल, राकेश सिंह जैसे दिग्गज नेताओं को बतौर कैबिनेट मंत्री शामिल किया गया तो पहली बार के विधायक चुने गई राधा सिंह, प्रतिमा बागरी, दिलीप अहिरवार, नरेन्द्र शिवाजी पटेल को भी राज्यमंत्री बनाया गया। मंत्रिमंडल के पहले विस्तार में गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह जैसे दिग्गज नेताओं को साइड लाइनकर करने के साथ पिछली शिवराज सरकार में शामिल 10 मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।

CM पद से शिवराज की विदाई चर्चा में-विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद पार्टी आलकामन ने जिस तरह से चार बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को साइडलाइन किया वह खूब सुर्खियों में रहा। 2005 में प्रदेश की बागडोर संभालने वाले शिवराज सिंह चौहान भाजपा के सबसे लंबे तक मुख्यमंत्री रहे औऱ विधानसभा चुनाव में पार्टी ने भले पार्टी ने उनके चेहरे का औपचारिक एलान नहीं किया हो लेकिन जिस तरह से शिवराज ने चुनावी रैलियां की उससे वह भाजपा के सबसे बड़े चेहरे के तौर पर स्थापित हुए। वहीं चुनाव नतीजों के बाद भाजपा आलाकमान ने शिवराज सिंह चौहान को सिरे से खारिज करते हुए उनकी प्रदेश की राजनीति से विदाई की पटकथा भी तैयार कर दी।

भाजपा ने रचा नया चुनावी इतिहास-साल 2023 में मध्यप्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 163 सीटें जीत कर एक नया इतिहास रचा तो कांग्रेस मात्र 66 सीटों पर सिमट गई है। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में जनता ने जहां आम आदमी पार्टी, बसपा और सपा जैस सियासी दलों को पूरी तरह खारिज कर दिया है, वहीं भारतीय आदिवासी पार्टी को मौका देकर सभी को चौंका दिया। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 48 फीसदी से वोट प्रतिशत हासिल कर  एक बार फिर साबित कर दिया कि मध्यप्रदेश अब भाजपा का अभेद्य दुर्ग बन चुका है।

कमलनाथ-दिग्विजय युग का अंत-विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी हाईकमान ने प्रदेश में कांग्रेस की कमान युवा नेता जीतू पटवारी के हाथों में सौंप दी। कांग्रेस आलाकमान ने कमलनाथ को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाते हुए जीतू पटवारी को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया। वहीं आदिवासी विधायक उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष और हेमंत कटारे को उपनेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी। जीतू पटवारी को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाने के साथ कांग्रेस हाईकमान ने एक तरह से मध्यप्रदेश कांग्रेस में दशकों से चल रही कमलनाथ-दिग्विजय की प्रभुसत्ता का भी अंत कर दिया। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद के लिए अपना चेहरा प्रोजेक्ट कर चुनाव लड़ा था, ऐसे में विधानसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद अब पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने कमलनाथ की प्रदेश कांग्रेस कांग्रेस अध्यक्ष पद से विदाई  कर दी।

लाड़ली बहना योजना बनी गेमचेंजर-मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत में अहम भूमिका निभाने वाली लाड़ली बहना योजना का एलान भी इस साल 28 जनवरी को तत्काली मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया। लाड़ली बहना योजना विधानसभा चुनाव में गेमचेंजर साबित हुई और देखते ही देखते भाजपा के खिलाफ एंटी इंकमबेंसी प्रो इंकमबेंसी में बदल गई। लाड़ली बहना योजना को  जो चुनाव में लगातार चर्चा के केंद्र में रही वहीं लाडली बहना योजना चुनाव  के बाद चर्चा के केंद्र में है। सरकार की ओर से भले ही स्पष्टीकरण दिया जा चुका है कि कोई भी योजना बंद नहीं होगी लेकिन विपक्ष लाड़ली बहना योजना को लेकर सरकार पर हमलावर है और सरकार से पूछ रहा है कि योजना के तरह कब तीन हजार रूपए दिए जाएंगे।

चुनावी हिंसा लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी-मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव-2023 राजनीतिक हिंसा के लिए भी याद किया जा जाएगा। चुनाव के दौरान खजुराहो में चुनावी हिंसा में छतरपुर जिले में कांग्रेसी पार्षद और कांग्रेस पार्षद विक्रम सिंह उर्फ नाती राजा के समर्थक सलमान की हत्या कर दी गई है और आरोप लगा भाजपा प्रत्याशी अरविंद पटेरिया पर। पुलिस ने इस मामले में जिस तरह वोटिंग के दिन भाजपा प्रत्याशी और उनके समर्थकों पर केस दर्ज किया उससे प्रदेश में सियासी उबाल आ गया है और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने छतरपुर पहुंचकर विरोध जताया। इसके बाद पुलिस ने कांग्रेस प्रत्याशी विक्रम सिंह उर्फ नाती राजा के खिलाफ भी धारा 307 का मामला दर्ज किया, जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए थाने के सामने टेंट लगाकर धरने पर बैठे गए थे।

सीधी पेशाब कांड ने किया शर्मशार-मध्यप्रदेश में चुनावी साल 2023 में जिन घटनाओं ने प्रदेश की सियासत को सीधे प्रभावित किया उसमें सीधी जिले का पेशाब कांड भी मुख्य था। जुलाई महीने में सीधी जिले में भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला के एक  आदिवासी के चेहरे पर पेशाब करने का वीडियो ऐसा वायरल हुआ  जिससे पूरी प्रदेश की सियासत गर्मा गई है। कांग्रेस ने इसे जहां आदिवासियों के अपमान से जोड़ दिया वहीं डैमेज कंट्रोल का जिम्मा खुद तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद संभाला और उन्होंने पीडित दशमत रावत के पैर धोकर माफी मांगी।

2023 की अन्य घटनाएं जो सुर्खियों में रहीं-
-साल 2023 में राजधानी भोपाल में प्रशासनिक रूप से महत्वपूर्ण सतपुड़ा भवन में आग लगाने की घटना भी खूब चर्चा के केंद्र में रही। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सतपुड़ा भवन में आग को कांग्रेस ने चुनावी मुद्दा बनाने की पुरजोर कोशिश की लेकिन चुनाव नतीजे बताते है कि जनता पर उसका खासा असर नहीं हुआ है।
-साल 2023 में मध्यप्रदेश में कई बड़े हादसे हुए जिसमें मार्च में प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले  इंदौर में रामनवमी के दिन हुआ बड़ा हादसा भी शामिल है। इंदौर के श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में रामनवमी केक दौरान बावड़ी की छत्र धंसने से 36 लोगों की मौत हो गई है, वहीं कई अन्य गंभीर रुप से घायल हो गए।
-उज्जैन में मासूम से रेप की घटना ने इंसानियत को शर्मशार कर दिया। उज्जैन में 12 साल की बच्ची से रेप और उसके बाद मदद की गुहार में घंटों भटकती पीड़िता की तस्वीरों ने हर किसी का सिर शर्म से झुका दिया।
-साल 2023 के मई में खरगौन में हुए दर्दनाक सड़क हादसे में 15 की मौत हो गई है।  इंदौर जा रही एक यात्री बस के हादसे का शिकार होने से 15 लोगों की मौत हो गई।
-साल में 2023 में मध्यप्रदेश पटवारी भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़े के चलते सुर्खियों में छाया रहा है। पटवारी भर्ती परीक्षा के जब नतीजे जारी किए गए तो 10 टॉपर्स में से सात टॉपर ग्वालियर के एनआरआई कॉलेज के थे। यह कॉलेज तत्कालीन भाजपा विधायक संजीव कुशवाह के होने से कांग्रेस ने  सरकार को जमकर घेरा। चुनावी साल में हंगामा बढ़ते देखकर भाजपा सरकार ने पटवारी भर्ती परीक्षा पर रोक लगाने के साथ जांच के आदेश दे दिए।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

2023 में भी जम्मू - कश्मीर में नहीं लौटी शांति, 35 सुरक्षाकर्मी शहीद