Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

womens day : म्‍हारी छोरियां छोरों से कम हैं के...

हमें फॉलो करें womens day  : म्‍हारी छोरियां छोरों से कम हैं के...
सुरभि भटेवरा

''म्‍हारी छोरियां छोरों से कम हैं के...''2016 में फिल्‍म दंगल ने समाज को शिक्षित किया कि बेटी भी उड़ान भर सकती है। जब एक मर्द की सफलता के पीछे महिला का हाथ होता है तो बेटी की उड़ान के पीछे सबसे पहले उसके पिता ही होते हैं। पिता ही होते हैं जो बेटी को बाहर की दुनिया से परिचित कराते हैं और मां उसे अंदरूनी तौर पर मजबूत करती है, लड़ना सिखाती है, हिम्‍मत बांधती है।  
 
अब वक्‍त भी करवट लेने लगा है, बेटियों को आगे बढ़ने के मौके मिलने लगे हैं। आज का युग जब नारी सफलता के इतिहास के पन्‍ने पलटता है तो कई ऐसी बेटियां नजर आती हैं जिन्‍होंने जल, थल और नभ तीनों जगह अपना परचम लहराया और आज गर्व के साथ समूचा देश उनका नाम लेता है। जैसे भारतीय वायुसेना की फ्लाइट लेफ्टिनेंट शि‍वांगी सिंह राफेल उड़ाने वाली पहली महिला है। प्रिया झिंगन थल सेना में पहली महिला अफसर है। 
 
साल 2016 में फिल्‍म दंगल आई थी और उसी वक्‍त खेल के क्षेत्र में बेटियों ने राष्‍ट्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर उड़ान भरी थी। जब देश कोई मेडल जीतने में असमर्थ नजर आ रहा था तब साक्षी मलिक, पीवी सिंधू, दीपा मलिक, दीपा कर्माकर और अदिति अशोक ने पदक की आस जगाई थी और देश को पदक दिलवाया भी  था.
 
बस ऐसी है बेटियों की उड़ान...!!!
महिला दिवस पर यही बात हमें मन में धारण करनी है कि बेटी की उड़ान, हम सबका अभिमान... 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Woman’s day 2021: मासूम बच्‍चा गोद में और ये महिला कॉन्‍सटेबल कर रही ट्रैफि‍क कंट्रोल, सब ने कहा, वाह कमाल!