- ईशु शर्मा
आज के युग में हमें महिला सशक्तिकरण की बहुत आवश्यकता है क्योंकि एक विकसित देश की पहचान उस देश की महिलाओं के ज़रिए ही होती है। महिला सशक्तिकरण का अर्थ पुरुषों पर अपनी प्रभुत्ता जमाना या अपने जेंडर को सर्वश्रेष्ठ बताना नहीं है बल्कि राजनीतिक, सामाजिक व आर्थिक जैसे क्षेत्रों में पुरुषों के सामान न्याय व अधिकार पाना है।
महिलाओं की जगह सिर्फ घर पर नहीं बल्कि समाज के हर क्षेत्र में है और इसका महत्व समझना समाज के लिए बहुत ज़रूरी है। महिला सशक्तिकरण की मदद से ही हम भारत को विकसित देश बना सकते हैं। सिर्फ पुरुषों की आय के योगदान से न तो घर चलता है और न ही देश इसलिए ये ज़रूरी है कि महिलाओं को समाज व कार्यस्थल पर पुरुषों के सामान अधिकार एवं अवसर मिलें। चलिए जानते हैं कि भारतीय महिलाओं का GDP में कितना योगदान है-
भारतीय महिलाओं का GDP में कितना योगदान है?
रिसर्च के अनुसार भारतीय महिलाएं जीडीपी में 18% योगदान करती हैं और आने वाले समय में महिला सशक्तिकरण के कारण भारत की जीडीपी 2050 तक 770 बिलियन डॉलर तक बढ़ सकती है।
भारत, स्टार्टअप और यूनिकॉर्न कम्युनिटी के क्षेत्र में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है पर इन स्टार्टअप में सिर्फ 10% महिलाएं ही फाउंडर है। भारत में महिलाओं को पुरुषों के सामान स्टार्टअप करने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जाता है जिसके कारण स्टार्टअप क्षेत्र में महिलाओं का बहुत कम योगदान है। इसके साथ ही भारत में कोरोना महामारी के कारण जेंडर गैप 4.3% बढ़ गया है जिसके कारण अर्थव्यवस्था में महिलाओं का योगदान कम हुआ है।
Budget 2023-24 में महिलाओं के लिए क्या योजना है?
- हाल ही में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023 पेश करते समय महिलाओं से जुड़े कई मुद्दों को उभरा है।
- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 81 लाख ग्रामीण महिलाओं को सेल्फ हेल्प ग्रुप (Self Help Group) के ज़रिए सशक्त करने की योजना तैयार की है।
- इसके साथ ही सरकार ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का बजट भी पिछले वर्ष से 1.08% तक बढ़ा दिया है।
- हालांकि जेंडर बजट में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया। बजट 2005-2006 में जेंडर बजट को पहली बार पेश किया गया था और ये बजट महिलाओं के विकास के लिए निर्माण किया गया था पर इस बजट को सरकार प्राथमिकता नहीं देती है।
- इसके साथ ही सरकार ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की घोषणा भी की थी जिसमें महिलाओं की सुरक्षा के लिए कैमरा इनस्टॉल किए जाएंगे और पब्लिक रिसोर्सेज को महिला सुरक्षा के अनुकूल बनाएगा जाएगा। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का बजट भी 165 करोड़ से 1300 करोड़ तक बढ़ाया गया है।
- अर्थव्यवस्था में आगे बढ़ने के लिए महिलाओं को स्टार्टअप में भी अपना योगदान देना होगा ताकि भारत की अर्थव्यस्था तेज़ी से बढ़े और महिला सशक्तिकरण के ज़रिए महिलाओं को पुरुषों के सामान अधिकार दिए जाएं।