वर्द्धमान/ कल्याणी/ बारासात (पश्चिम बंगाल)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को राज्य में ताबड़तोड़ चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए दावा किया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम में 'क्लीन बोल्ड' हो गईं और 4 चरणों का मतदान संपन्न होने के बाद उनकी पारी भी समाप्त हो गई। उन्होंने कहा कि और इस बौखलाहट में वे हिंसा पर उतारू हो गई हैं तथा इसके जरिए लोकतंत्र को लूटने की साजिश कर रही हैं।
वर्द्धमान में पहली चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने क्रिकेट में इस्तेमाल होने वाली शब्दावलियों का प्रयोग कर ममता बनर्जी पर हमला बोला तो कल्याणी पहुंचने पर उन्होंने कूचबिहार की हिंसा को दीदी के मास्टर प्लान का हिस्सा बता दिया और फिर बारासात में दिन की आखिरी रैली में आरोप लगाया कि पिछले पंचायत चुनावों की तरह वह इस बार भी विधानसभा चुनावों में हिंसा और अशांति फैलाकर लोकतंत्र को लूटने की साजिश रच रही हैं।
इन रैलियों के दौरान प्रधानमंत्री ने एक तृणमूल कांग्रेस नेता द्वारा अनुसूचित जाति के लोगों के अपमान का मुद्दा भी उठाया, मतुआ संप्रदाय के लोगों को साधने और साथ ही महिला मतदाताओं को भी सुरक्षा का वादा कर उन्हें लुभाने की कोशिश की।
दिन की पहली रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी मां, माटी और मानुष का वादा कर 10 साल पहले सत्ता में आई थीं लेकिन उन्होंने मां को सताओ, माटी को लूटो और मानुष का रक्त बहाओ का रास्ता चुना तथा बांटों और शासन करो की नीति अपनाई। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ रहा है ममता बनर्जी की कड़वाहट, उनका क्रोध और उनकी बौखलाहट बढ़ती ही जा रही है।
मोदी ने कहा, ऐसा इसलिए है क्योंकि बंगाल ने आधे चुनावों में ही तृणमूल कांग्रेस को पूरा साफ कर दिया है। अब तक हुए मतदान के चार चरणों में बंगाल की जनता ने इतने चौके-छक्के मारे कि भाजपा की सीटों की सेंचुरी हो गई है। जो आपके साथ खेला करने की सोच रहे थे, उन्हीं के साथ खेला हो गया है। प्रधानमंत्री ने दावा किया, नंदीग्राम में बंगाल के लोगों ने दीदी को क्लीन बोल्ड कर दिया यानी बंगाल में दीदी की पारी समाप्त हो चुकी है। बंगाल के लोगों ने उन्हें मैदान से बाहर जाने को कह दिया है।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही बंगाल की जनता ने ममता बनर्जी की एक बड़ी योजना को भी असफल कर दिया जिसके तहत मुख्यमंत्री अपने भाइपो (भतीजे अभिषेक बनर्जी) को पार्टी की कमान सौंपना चाहती थीं। मोदी ने कहा, बंगाल की जो जनता है, वो काफी दूरदृष्टा है। दीदी तैयारी करके बैठी थीं कि पार्टी की कप्तानी भाइपो को सौंपेंगी, लेकिन दीदी का ये खेला भी जनता ने समय रहते समझ लिया। इसलिए दीदी का सारा खेला धरा का धरा रह गया।
उन्होंने कहा कि बंगाल का इतिहास रहा है कि जो दल यहां की सत्ता से एक बार बाहर गया वह कभी लौटकर नहीं आया और मुख्यमंत्री बनर्जी इससे भलीभांति वाकिफ हैं। मोदी ने कहा, एक बार यहां से कांग्रेस गई, कभी वापस नहीं आई। वामपंथी गए, कभी वापस नहीं आए। दीदी, आप भी एक बार हार गईं, तो कभी वापस नहीं आएंगी। तृणमूल कांग्रेस की बहुत बड़ी हार होने जा रही है।
अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने तृणमूल कांग्रेस पर राज्य के दलितों का अपमान करने का आरोप लगाया और कहा कि खुद को रॉयल बंगाल टाइगर कहने वाली ममता बनर्जी ने ऐसा करने वालों के खिलाफ न तो कोई कार्रवाई की, न ही माफी मांगी। उन्होंने दावा किया कि दलितों का अपमान कर तृणमूल कांग्रेस ने बहुत बड़ी भूल की है।
बिहार के किशनगंज जिले के नगर थाना प्रभारी अश्विनी कुमार की पश्चिम बंगाल में हत्या और उसके बाद उनकी 75 वर्षीया मां उर्मिला देवी के पुत्र वियोग में दम तोड़ देने की घटना और बंगाल की बुजुर्ग शोवा मजूमदार की मौत का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने ममता बनर्जी पर करारा हमला बोला और कहा कि वह इतनी कठोर और निर्मम हैं, इसका अंदाजा बंगाल की किसी मां को नहीं था।
उन्होंने कहा, मां, माटी और मानुष की बात करने वाली तृणमूल कांग्रेस का मार्ग मां को सताओ, माटी को लूटो और मानुष का रक्त बहाओ का रहा है। कूचबिहार में जिनकी मृत्यु हुई, वह भी किसी मां के बेटे थे, लेकिन ममता दीदी की नीतियों ने कितनी ही मांओं से उनके बेटे छीन लिए। दीदी की मां माटी मानुष की यही नीति है।
मोदी ने कहा कि 10 सालों तक ममता बनर्जी ने बांटो और राज करो की नीति को अपनाया जबकि भाजपा सभी को जोड़ने और सेवा करने की भावना के साथ काम करती है। कल्याणी की रैली में भी प्रधानमंत्री के निशाने पर ममता बनर्जी ही रही। हालांकि राज्य के मतुआ संप्रदाय के मतदाताओं को भी उन्होंने इस दौरान लुभाने की पूरी कोशिश की।
उन्होंने कहा कि मतुआ संप्रदाय के लोगों के लिए हर सुविधा सुनिश्चित की जाएगी क्योंकि उन्हें न्याय दिलाना भाजपा की भावनात्मक प्रतिबद्धता रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विधानसभा चुनाव में अपनी हार सुनिश्चित देख ममता बनर्जी और उनके पार्टी के लोग बौखला गए हैं और सारी सीमाएं तोड़ने पर आमादा हो गए हैं।
उन्होंने कहा, दीदी के नेता, खुलेआम बंगाल के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को गालियां देने लगे हैं क्योंकि वे भाजपा का समर्थन करते हैं। मोदी ने आरोप लगाया कि अपनी हार सामने देख अब तृणमूल प्रमुख ने इन समुदाय के लोगों को वोट डालने से रोकने की साजिश के तहत एक नई रणनीति अपनाई है।
उन्होंने कहा, दीदी की साजिश है, इन वर्गों के लोगों को वोट डालने से रोकना और अपने गुंडों से छप्पा वोट (फर्जी मतदान) डलवाना। खुलेआम कहा जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस के लोग केंद्रीय वाहिनी का घेराव करेंगे और दीदी के बाकी समर्थक छप्पा वोट डालेंगे। चर्चा है कि कूचबिहार में जो हुआ, वो दीदी के इसी छप्पा वोट मास्टर प्लान का हिस्सा था।
प्रधानमंत्री ने कहा, दीदी! कान खोलकर सुन लीजिए। आपको किसी मतदाता का अधिकार छीनने नहीं दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि चौथे चरण के मतदान के दौरान कूचबिहार जिले के सीतलकूची में सीआईएसएफ की गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना ने बंगाल में सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। ममता बनर्जी ने रविवार को इसे नरसंहार करार दिया था।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख पर अपना हमला जारी रखते हुए प्रधानमंत्री ने दावा किया कि उन्हें अहंकार हो गया है इसलिए खेला होबे (खेल होगा) की बात बार-बार कर रही हैं। उन्होंने कहा, लेकिन दीदी, ये मत भूलिए कि ये लोकतंत्र है। यहां जनता जनार्दन ही भगवान है। यहां खेल भी जनता ही शुरू करती है और खत्म भी जनता ही करती है। मोदी ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने राजनीतिक हितों और अपने लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए भ्रष्टाचार और हिंसा का सहारा लिया।
उन्होंने दावा किया कि इस बार के चुनाव में राज्य की जनता उनको सबक सिखाएगी। प्रधानमंत्री ने अपने बांग्लादेश के दौरे का उल्लेख करते हुए कहा कि इस दौरान उन्हें मतुआ संप्रदाय के गुरु हरिचंद ठाकुर की जन्मस्थली जाने का मौका मिला लेकिन यहां की मुख्यमंत्री को यह भी पसंद नहीं आया।
उन्होंने कहा, दीदी ने इस पर भी सवाल खड़े कर दिए। 10 साल आपने बंगाल के दलितों-पीड़ितों-शोषितों-वंचितों से कैसे नफरत दिखाई है, यह देश अब देख रहा है। आपने न ही मतुआ समाज के मेरे भाइयों-बहनों के लिए कुछ किया और न ही नामशूद्र समाज के लिए।
उन्होंने कहा, मैं यहां आज आप सभी को आश्वस्त करने आया हूं। यहां भारत मां में आस्था रखने वाले सभी शरणार्थी साथियों को हर सुविधा सुनिश्चित की जाएगी। भाजपा के लिए तो सभी शरणार्थियों, मतुआ और नामशूद्र साथियों को न्याय दिलाना एक तरह से भावनात्मक प्रतिबद्धता भी है।
बारासात की रैली में प्रधानमंत्री ने ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि पिछले पंचायत चुनावों की तरह वह इस बार भी विधानसभा चुनावों में हिंसा और अशांति फैलाकर लोकतंत्र को लूटने की साजिश रच रही हैं।
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के राज में घुसपैठियों को खुली छूट दी गई और भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या की गई। उन्होंने राज्य की जनता से वादा किया कि भाजपा की सरकार बनने के बाद तृणमूल कांग्रेस के हर अन्याय और अत्याचार का चुन-चुन कर हिसाब लिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि किसी भी कीमत पर सत्ता में बने रहने के लिए उन्होंने अपने समर्थकों को भड़काना शुरु कर दिया है।
उन्होंने कहा, एक मुख्यमंत्री कभी ऐसी भाषा नहीं बोल सकता... वह यहां हिंसा फैलाना चाहती हैं... अशांति पैदा करना चाहती हैं। उन्होंने कहा, पंचायत चुनावों के समय दीदी की पार्टी ने जिस तरह लोकतंत्र को लूटा था अब वही कोशिश, वही साजिश, वह दोबारा इस चुनाव में कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने दावा किया कि इस साजिश को बंगाल की जनता नाकाम करके ही रहेगी। उन्होंने यह दावा भी किया कि आर्थिक उन्नति, निवेश और शिल्प ममता सरकार की कभी प्राथमिकता नहीं रहे।
उन्होंने कहा, तृणमूल के लिए उन्नति का मतलब है, अपने कार्यकर्ताओं और गुंडों की उन्नति। तृणमूल के लिए शिल्प है- माफिया, मानव तस्करी, बम बनाना, अवैध कब्जा। प्रधानमंत्री ने दावा किया कि राज्य के कोने-कोने से एक ही आवाज आ रही है तथा हर जाति, मत, संप्रदाय और मजहब के लोगों का एक ही संकल्प नजर आ रहा है और वह है, दो मई, दीदी गई।(भाषा)