सूरज की तपिश के साथ ही इन दिनों सोशल मीडिया में वायरल एक मैसेज ने भी लोगों की बेचैनी को बढ़ा दी है। इस मैसेज में दावा किया गया है कि शरीर का तापमान 42 डिग्री सेल्सियस पहुंचने पर इंसान की मौत हो सकती है।
क्या है वह वायरल मैसेज..
“हम सब धूप में घूमते हैं फिर कुछ लोगों की ही धूप में जाने से मौत क्यों हो जाती है। हमारे शरीर का तापमान हमेशा 37 डिग्री सेल्सियस होता है, इस तापमान पर ही हमारे शरीर के सभी अंग ठीक से काम कर पाते हैं। पसीने के रूप में पानी बाहर निकालकर शरीर 37 डिग्री सेल्सियस तापमान बनाए रखता है। लगातार पसीना आते वक्त पानी पीते रहना बहुत जरूरी होता है”।
“जब बाहर का तापमान 45 डिग्री के पार हो जाता है और शरीर को ठंडा रखने की व्यवस्था ठप हो जाती है तब शरीर का तापमान 37 डिग्री से ऊपर पहुंचने लगता है. और शरीर का तापमान जब 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है तो खून गरम होने लगता है और खून में मौजूद प्रोटीन पकने लगता है जैसे उबलते पानी में अंडा पकता है. इतना ही नहीं स्नायु सख्त होने लगते हैं जिसकी वजह से सांस लेने में परेशानी होती है. खून गाढ़ा हो जाता है, ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. दिमाग के लिए होने वाली खून की सप्लाई रुक जाती है, व्यक्ति कोमा में चला जाता है और उसके शरीर का एक-एक अंग कुछ ही पलों में काम करना बंद कर देते हैं और फिर उसकी मौत हो जाती है”।
आइए जानते हैं यह मैसेज सच है या झूठ?
चिकित्सकों ने इस मैसेज की पुष्टि करते हुए कहा कि आजकल एसी, कूलर, पंखों की वजह से पसीना नहीं निकल पाता है और शरीर अपना तापमान नियंत्रित नहीं रख पाता। खासकर तेज धूप और गर्म हवा के संपर्क में आने से शरीर में पानी की कमी बन जाती है। जब शरीर में पानी की मात्रा कम हो और तापमान ज्यादा, तो व्यक्ति बेहोश हो जाता है। शरीर के अंग काम करना बंद कर देते हैं, जिसे मल्टी ऑर्गन डिसऑर्डर कहते हैं और सही समय पर इलाज ना मिलने पर मौत हो सकती है।
भीषण गर्मी से बचने के लिए क्या करें
* जब तक जरूरी न हो, तेज धूप में जाने से बचें। खासकर 12 से 3 बजे के बीच।
* कड़ी धूप में घर से बाहर निकलने से पहले खूब सारा पानी पिएं।
* हल्का खाना खाकर ही घर से बाहर निकलें।
* शरीर से पसीने निकलने दें, और साथ ही थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीते रहें।
* शरीर को ढककर ही बाहर निकलें ताकि आप धूप और गर्म हवा के सीधे संपर्क में न आएं। छाते का इस्तेमाल करें या कैप पहनें।
* पसीने में सोडियम क्लोराइड नकल जाता है, इसलिए नमक का अधिक इस्तेमाल करें।
* देर तक कटी और बनी हुई सब्जियों व फलों का सेवन करने से बचें।
* आम का पना, शिकंजी, छाछ, नारियल पानी, बेल का शरबत, लस्सी जैसे तरल पदार्थ का सेवन करते रहें।
* तली, भूनी चीजों, गरिष्ठ भोजन और नॉनवेज का परहेज करें।