भारत में कोरोना की रोकथाम के लिए लॉकडाउन जारी है और इसके चलते देशभर के श्रमिकों को रोजगार और रोजी-रोटी के संकट का सामना करना पड़ रहा है। कई बड़े शहरों में काम-धंधा बंद होने से बड़ी संख्या में श्रमिक अपने-अपने गांव की ओर लौट रहे हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर एक खबर तेजी से वायरल हो रही है। वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि 1990 से 2020 तक काम कर चुके श्रमिकों को श्रम व रोजगार मंत्रालय 1.20 लाख रुपये दे रही है।
क्या है वायरल मैसेज में-
वायरल मैसेज में लिखा है- ‘1990 से 2020 तक काम कर चुके श्रमिकों के पास श्रम व रोजगार मंत्रालय से 1,20,000 रुपये पाने का अधिकार है। वायरल मैसेज में एक लिंक दिया गया है। इस लिंक में उन लोगों की लिस्ट है जो यह फायदा फायदा उठा सकते हैं।
क्या है सच-
भारत सरकार की प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने वायरल मैसेज को फेक करार दिया है। सरकार ने ऐसा कोई ऐलान नहीं किया है। PIB फैक्ट चेक के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा गया है- ‘दावा: व्हाट्सऐप मैसेज में दावा किया जा रहा है कि जो श्रमिक 1990 से 2020 के बीच काम कर चुके हैं, उन्हें श्रम मंत्रालय की ओर से 1,20,000 रुपये मिलेंगे। फैक्ट चेक: यह फेक खबर है। भारतीय सरकार द्वारा ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है। इस तरह की फ्रॉड वेबसाइट्स से सतर्क रहें।’