सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से भगवान अयप्पा के भक्तों पर पुलिस की बर्बरता का दावा करते हुए दो तस्वीरों ने हंगामा मचा रखा है। पहली तस्वीर में एक शख्स अपने एक हाथ से अयप्पा की मूर्ति पकड़े हुए है, तो दूसरे हाथ से पुलिस के डंडे से खुद को बचाता दिख रहा है। पुलिसवाले का एक पैर कथित भक्त के सीने पर भी है। दूसरी तस्वीर में उसी शख्स ने दोनों हाथों से अयप्पा की मूर्ति को पकड़ा हुआ है और उसके गले पर किसी ने हसिया रखा हुआ है।
आपको बता दें कि यह दोनों ही तस्वीरें एक फोटोशूट की हैं और इसमें दिखने वाले शख्स का नाम है राजेश कुरूप। वह केरल के मावेलिक्करा के रहने वाले हैं और वह एक आरएसएस कार्यकर्ता हैं। दरअसल, राजेश कुरूप ने सबरीमाला मंदिर में पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में यह फोटोशूट करवाया था, जिसकी तस्वीरें उन्होंने अपने फेसुबक पेज पर शेयर किया था। आप एक तस्वीर में फोटोग्राफर का वाटरमार्क भी देख सकते हैं। लेकिन बाद में ये तस्वीरें गलत संदर्भ के साथ वायरल हो गए और आपत्तिजनक कमेंट्स आने लगे। इसे देखते हुए कुरूप ने अपने फेसबुक पेज से ये विवादित तस्वीरें हटा लीं।
आपको बता दें कि दिल्ली के विधायक कपिल मिश्रा भी इन फेक तस्वीरों के झांसे में आ गए और उन्होंने भी इस तस्वीर को ट्वीट करते हुए लिखा- ‘इस भक्त की आंखों में.. क्रूरता का कोई डर नहीं है.. उत्पीड़न का कोई डर नहीं है.. यह विश्वास की शक्ति है..’ उनके इस ट्वीट को अब तक 3200 लोगों ने लाइक किया है और 1600 बार रीट्वीट भी किया है।
आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर सबरीमाला मुद्दे पर एक घातक अभियान चलाने के आरोप में राजेश कुरूप को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन अब उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया है। पुलिस ने राजेश के खिलाफ मानहानि, सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश और केरल पुलिस अधिनियम के अंतर्गत केस दर्ज किया है।