जो ईंटें राम-मंदिर के नाम पर इकट्ठा की गई थीं..वो अब #UP_सरकार के चेहते ठेकेदारों द्वारा #अयोध्या में नाली बनाने के उपयोग में आ रही हैं.. #धार्मिक आस्था का #व्यवसायिक इस्तेमाल करना कोई BJP से सीखे..- इस कैप्शन के साथ कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर आजकल खूब वायरल हो रही हैं। दावा किया जा रहा है कि अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए लाई गई ईंटों का इस्तेमाल उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नाली निर्माण के लिए किया जा रहा है। वायरल तस्वीरों में नाली निर्माण में इस्तेमाल की जा रही ईंटों पर श्रीराम लिखा दिख रहा है। इन तस्वीरों को शेयर कर यूजर्स भाजपा और योगी सरकार की आलोचना कर रहे हैं।
क्या है सच?
वायरल पोस्ट में दो दावे हैं- 1. वायरल तस्वीरें अयोध्या की हैं, 2. श्रीराम लिखी ईंटें राम मंदिर निर्माण के लिए थीं। चलिए तो अब इन तस्वीरें की पड़ताल शुरू करते हैं।
जब हमने गूगल पर ‘श्रीराम ईंट’ कीवर्ड्स के साथ सर्च किया तो हमें नेशनल वॉइस नाम के न्यूज चैनल का एक वीडियो मिला, जिसका कैप्शन था– ‘श्रीराम’ नाम की ईंट का ये कैसा इस्तेमाल?। इस न्यूज वीडियो में यह बताया गया है कि शाहजहांपुर में श्रीराम मार्का ईंट से नाली का निर्माण हो रहा है। इस वीडियो में वहीं तस्वीरें थीं, जो वायरल पोस्ट में हैं।
फिर हमने इसके बारे में सर्च किया तो हमें मनोज मिश्रा नाम के फेसबुक यूजर का एक पोस्ट मिला। इस पोस्ट के मुताबिक शाहजहांपुर नगर निगम नाली बनवा रहा था, जिसमें श्रीराम मार्का ईंटों का इस्तेमाल हो रहा था। पोस्ट में दो बातों पर नाराजगी जताई गई थी, एक नाली बनाने में मानक के अनुरूप सीमेंट आदि का इस्तेमाल न करने पर और दूसरा श्रीराम मार्का ईंट इस्तेमाल करने पर। मनोज मिश्रा खुद को इंडियन ऑपिनियन समाचार पत्र के शाहजहांपुर के ब्यूरो चीफ बताते हैं।
आपको बता दें कि उपरोक्त न्यूज वीडियो और इस पोस्ट में न तो अयोध्या का जिक्र था और न ही राम मंदिर के लिए इकट्ठा की गई ईंटों का।
विश्व हिन्दू परिषद् ने भी इन सभी दावों को सिरे से नकार दिया है। विहिप ने बताया है कि ऐसे किसी भी नाले के निर्माण के लिए अयोध्या से श्रीराम नाम की कोई ईंट नहीं गई है।
अब यह स्पष्ट हो चुका है कि यह तस्वीरें अयोध्या की नहीं बल्कि शाहजहांपुर की हैं और श्रीराम मार्का ईंटों का राम मंदिर निर्माण से कोई वास्ता नहीं है।