सोशल मीडिया पर इन दिनों एक मैसेज खूब वायरल हो रहा है। इस मैसेज में लिखा है कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन पीरियड्स के प्रोटोकॉल और तरीके बताए हैं और भारत सरकार इसके अनुसार ही लॉकडाउन घोषित कर रही है।
क्या है वायरल मैसेज में-
मैसेज में लिखा गया है कि WHO के प्रोटोकॉल के मुताबिक खतरनाक वायरस को कंट्रोल करने के लिए लॉकडाउन के 4 स्टेप हैं। पहले एक दिन का लॉकडाउन, फिर 21 दिन का लॉकडाउन फिर पांच दिन के ब्रेक के बाद 28 दिन का लॉकडाउन, फिर पांच दिन के ब्रेक के बाद चौथे चरण में 15 दिन का लॉकडाउन किया जाए। मैसेज में यह भी दावा किया गया है कि भारत सरकार ने इसी प्रोटोकॉल को फॉलो करते हुए देश में पहले 1 दिन और फिर 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया है। अब, 15 अप्रैल से 19 अप्रैल के बीच ब्रेक दिया जाएगा और उसके बाद फिर 20 अप्रैल से 18 मई के बीच लॉकडाउन होगा। वहीं, मरीजों की संख्या जीरो हो जाती है तो लॉकडाउन खत्म कर दिया जाएगा।
क्या है सच-
WHO साउथ-ईस्ट एशिया ने वायरल मैसेज का खंडन करते हुए अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया है। इस ट्वीट में लिखा है, ‘सोशल मीडिया पर डब्ल्यूएचओ के लॉकडाउन के प्रोटोकॉल के नाम पर जो मैसेज शेयर किए जा रहे हैं, वो निराधार और झूठे हैं। लॉकडाउन को लेकर डब्ल्यूएचओ का कोई प्रोटोकॉल नहीं है।’
बता दें, हाल ही में पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की और 14 अप्रैल के बाद की योजना तैयार करने को कहा है, जब लॉकडाउन खत्म हो जाएगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, लॉकडाउन एकसाथ खत्म नहीं किया जाएगा बल्कि चरणबद्ध तरीके से इसे हटाया जाएगा।
वेबदुनिया की पड़ताल में पाया गया है कि लॉकडाउन को लेकर डब्ल्यूएचओ का कोई प्रोटोकॉल नहीं है। वायरल दावा फर्जी है।