कोरोनावायरस महामारी के चलते मार्च महीने से रेल सेवाएं बंद हैं। हालांकि, रेलवे कुछ चुनिंदा ट्रेनों का संचालन कर रही है। इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि भारतीय रेलवे का पूरी तरह से निजीकरण किया जा रहा है। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि मासिक पास और वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट जैसी सभी सुविधाएं खत्म होंगी।
क्या है सच-
भारत सरकार की प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने वायरल दावे को महज एक अफवाह बताया है और कहा कि रेलवे का कोई निजीकरण नहीं होना जा रहा है। PIB फैक्ट चेक के आधिकारिक ट्विटर हेंडल से लिखा गया है, “सोशल मीडिया पर एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि भारतीय रेल का पूरी तरह से निजीकरण किया जायेगा और साथ ही मासिक पास तथा वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट, जैसी सुविधाएँ समाप्त कर दी जाएंगी। यह दावा फर्जी है। केंद्र सरकार द्वारा ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है।”
गौरतलब है कि अलवर में एक रेल ट्रैक के विद्युतीकरण के उद्घाटन के दौरान केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी बयान में कहा था कि रेलवे का निजीकरण नहीं किया जाएगा। भारतीय रेल जनता की है और जनता की रहेगी। उन्होंने कहा था कि इतने सालों से जो रेल का विकास होना चाहिए वह अभी तक नहीं हुआ है इसलिए भारतीय रेल पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत भागीदारी की जा रही है।