देश में आए दिन बलात्कार के खौफनाक मामले सामने आते हैं। लेकिन कई बार दोषियों को सजा मिलने में काफी वक्त लग जाता है। ऐसे में सोशल मीडिया पर बलात्कार के दोषियों को लेकर एक दावा तेजी से वायरल हो रहा है। कहा जा रहा है कि मोदी सरकार ने सभी रेपिस्ट को फांसी देने का अध्यादेश पास कर दिया है। दावे के मुताबिक, राष्ट्रपति ने अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। आइए जानते हैं इस दावे में कितनी सच्चाई है..
क्या हो रहा वायरल-
पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के एक फर्जी ट्विटर अकाउंट से लिखा गया है, "मोदी सरकार ने कर दिया, अब हर बलात्कारी को मिलेगी फांसी, राष्ट्रपति ने अध्यादेश को दी मंजूरी."
इसी तरह के पोस्ट कई अन्य फेसबुक और ट्विटर यूजर्स भी कर रहे हैं।
क्या है सच-
हमने वायरल दावे की पड़ताल शुरू करते हुए सबसे पहले संबंधित कीवर्ड्स की मदद से गूगल पर सर्च किया। लेकिन हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली, जो इस बात की पुष्टि करती हो कि भारत में सभी रेपिस्ट्स को फांसी की सजा का प्रावधान कर दिया गया है।
हालांकि, हमें साल 2018 की कुछ रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें बताया गया है कि राष्ट्रपति ने आपराधिक कानून (संशोधन) विधेयक 2018 को मंजूरी दी है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मंजूरी के बाद महिलाओं के साथ रेप करने पर न्यूनतम सजा को 7 साल से बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया है। इसके अलावा 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ रेप पर मौत की सजा का प्रावधान किया गया है।
वेबदुनिया ने अपनी पड़ताल में पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा दावा फर्जी है। फिलहाल देश में सभी बलात्कारियों को फांसी की सजा देने का कोई कानून नहीं बनाया गया है।