नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें देखा जा सकता है कि ट्रेन पर अदाणी ग्रुप का नाम लिखा हुआ है। वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि भारतीय रेल को उद्योगपति अदाणी को बेच दिया गया है।
क्या है वायरल-
एक ट्विटर यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा- क्या इसका मतलब यह है कि भारतीय रेलवे को अदानी को बेच दिया गया है।
एक्ट्रेस और कांग्रेस नेता नगमा ने भी वीडियो शेयर करते हुए लिखा है- अडाणी की ट्रेनें तैयार हो रही हैं!
फेसबुक पर भी इसी तरह के दावों के साथ इस वीडियो को शेयर किया जा रहा है।
क्या है सच-
वायरल दावा फेक है। भारत सरकार की प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने वायरल हो रहे इस वीडियो की सच्चाई बताई है। PIB फैक्ट चेक के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा गया है- “दावा: फेसबुक पर एक वीडियो के साथ यह दावा किया जा रहा है कि सरकार ने भारतीय रेल पर एक निजी कंपनी का ठप्पा लगवा दिया है। PIBFactCheck: यह दावा भ्रामक है। यह केवल एक वाणिज्यिक विज्ञापन है जिसका उद्देश्य केवल गैर किराया राजस्व को बेहतर बनाना है।”
वडोदरा में पश्चिमी रेलवे ने गैर किराया राजस्व (नॉन फेयर रेवेन्यू) करने वाली सरकारी योजना के तहत दस ट्रेनों में विज्ञापन देने के लिए टेंडर जारी किए थे। ये टेंडर अडाणी समूह को मिले थे और तभी फरवरी में समूह की कंपनी अडाणी विलमार के फॉर्चून आटे का विज्ञापन वडोदरा की ट्रेन पर पेंट किया गया था।
पश्चिमी रेलवे के फेसबुक पेज पर 1 फरवरी को विज्ञापन की पेंटिंग वाली ट्रेन के उद्घाटन समारोह की जानकारी दी गई थी।
वेबदुनिया ने अपनी पड़ताल में पाया कि ट्रेन पर अदाणी के विज्ञापन का वीडियो झूठे दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि भारतीय रेल को अदाणी को बेच दिया गया है।