चुनावी सीज़न में प्रचार-प्रसार के साथ प्रोपेगेंडा भी जोर-शोर से चल रहा है। राजनीतिक पार्टियां अपने लिए, अपने उम्मीदवारों के लिए वोट मांग रही हैं। लेकिन इसके साथ ही विरोधी पार्टियों को क्यों वोट न दें, इसके लिए कारण बताते हुए कई बार फेक तस्वीर और वीडियो तक का सहारा ले रही हैं। ऐसा ही एक पोस्ट इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। लोग इस पोस्ट के साथ एक खौफनाक तस्वीर शेयर करते हुए कांग्रेस को वोट न देने की अपील कर रहे हैं।
क्या है वायरल पोस्ट में?
‘कांग्रेस को वोट देने से पहले हिंदु भाइयों जरा गोधरा कांड भी याद कर लेना। जो कांग्रेस के सरकार में कांग्रेस के ही मुस्लिमों ने दो बोगियों में भरे हिंदुओं को तेल छिड़ककर आग में जलाया था। अगर थोड़ा सा भी हिंदुओं के प्रति दया है तो कांग्रेस मुक्त भारत कर दो प्यारे हिंदु भाइयों।’ – इस कैप्शन के साथ हरी चंद नाम के यूजर ने ‘I Support Yogi’ नाम के फेसबुक ग्रुप पर एक तस्वीर शेयर की है। यह किसी गांव की तस्वीर लगती है। छप्पर वाले घर के सामने कई लाशें पड़ी हैं। लाशें जली हुई हैं। कई लोग वहां खड़े होकर लाशों को देख रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर गोधरा कांड की है और गोधरा में कांग्रेस की सरकार में मुस्लिमों ने ट्रेन की बोगियों में आग लगाकर हिंदुओं को मार दिया था।
क्या है सच?
वायरल पोस्ट के दो हिस्से हैं- एक तस्वीर और दूसरा उसका कैप्शन।
तस्वीर का सच: जब हमने वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च में डाला, तो हमें पता चला कि यह तस्वीर पिछले साल भी वायरल हुई थी, लेकिन उसकी कहानी कुछ और थी। अभी इन लाशों को गोधरा में जलाए गए हिंदू बताया जा रहा है, लेकिन उस समय ये म्यांमार में जिंदा जलाए गए रोहिंग्या मुसलमानों की तस्वीर बताई जा रही थी।
आपको बता दें कि ये दोनों ही दावे झूठे हैं। यह तस्वीर न तो गोधरा में जलाए गए हिंदू कारसेवकों की है, न ही म्यांमार में जिंदा जलाए गए मुसलमानों की। यह तस्वीर तो असल में अफ्रीकी देश कांगो की है। 2010 की।
क्या थी वह भयावह घटना?
तंजानिया से आ रहा एक टैंकर कांगो के सांगे गांव में अचानक पलट गया और टैंकर से तेल बाहर निकलने लगा। जैसे ही लोगों को मालूम चला, तो लोग वहां तेल लूटने के लिए जमा हो गए। उसी समय टैंकर में एक जोरदार धमाका हुआ और वे लोग धमाके से निकली आग की चपेट में आ गए। गांव के ज्यादातर घर फूस-मिट्टी के बने थे, तो आग काफी तेजी से पूरे गांव में फैल गई। कई लोग तो तेल चुराते समय मारे गए लेकिन ज्यादातर लोगों की मौत तब हुई जब वे घरों के अंदर बैठे फुटबॉल मैच देख रहे थे। इस हादसे में 230 से ज्यादा लोग मारे गए थे।
कैप्शन का सच: पोस्ट में लिखा गया है कि कांग्रेस की सरकार में कांग्रेस के ही मुस्लिमों ने हिंदुओं को जला दिया था, लेकिन ये बिल्कुल गलत है। 2002 में जब गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में कारसेवकों से भरी बोगी को आग लगाया गया था, उस समय गुजरात में नरेंद्र मोदी की भाजपा की सरकार थी। घटना के समय केंद्र में भी अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी, यानी कि भाजपा की सरकार। केंद्र और राज्य, दोनों में ही कांग्रेस विपक्ष में बैठी थी।
हमारी पड़ताल में वायरल तस्वीर और उसके साथ किया गया दावा झूठा साबित हुआ है।