Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

घर का दरवाजा यदि ऐसा हुआ तो संकट के खुलेंगे द्वार

हमें फॉलो करें darwaje ka vastu shastra

अनिरुद्ध जोशी

वास्तु और ज्योतिष शास्त्र में घर के दरवाजे के संबंध में कई महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं। हम यहां आपके लिए लाएं हैं कुछ ऐसे दरवाजों के बारे में जानकारी जिनसे घर में संकट पैदा होता है। इन्हें जानकर आप सतर्क हो सकते हैं।
 
 
ऐसे दरवाजे न हो-
-दरवाजे टूटे फूटे नहीं होना चाहिए।
-खुला कुआं मुख्य द्वार के सामने न हो।
-एक सीध में तीन दरवाजे नहीं होना चाहिए।
-दरवाजे के भीतर दरवाजा नहीं बनाना चाहिए।
-प्रवेश द्वार मकान के एकदम कोने में न बनाएं।
-विपरीत दिशा में दो मुख्य द्वार नहीं बनाना चाहिए।
-मुख्यद्वार खोलते ही सामने सीढ़ी नहीं बनवाना चाहिए।
-मुख्य द्वार के सामने कोई गड्ढा अथवा सीधा मार्ग न हो।
-एक पल्ले वाला दरवाजा नहीं होना चाहिए। दो पल्ले वाला हो।
-दरवाजे के सामने उपर जाने के लिए सीढ़ियां नहीं होना चाहिए।
-घर का मुख्य द्वार बाहर की ओर खुलने वाला नहीं होना चाहिए।
-ऐसा दरवाजा नहीं होना चाहिए जो अपने आप खुलता या बंद हो जाता हो।
-घर के ऊपरी माले के दरवाजे निचले माले के दरवाजों से कुछ छोटे होने चाहिए।
-दरवाजा के सामने वृक्ष, खम्भा, दीवार, डीपी, हैंडपम्प, किचड़ आदि नहीं होना चाहिए।
-कुछ दरवाजे ऐसे होते हैं जिनमें खिड़कियां होती हैं ऐसे दरवाजों में वास्तुदोष हो सकता है।
-मुख्य द्वार त्रिकोणाकार, गोलाकार, वर्गाकार या बहुभुज की आकृति वाला नहीं होना चाहिए।
-मुख्य द्वार के सामने कचरा घर, जर्जर पड़ी इमारत या कोई नकारात्मक चीज नहीं होनी चाहिए।
-मुख्य दरवाजा छोटा और उसके पीछे का दरवाजा बड़ा नहीं होना चाहिए। मुख्य दरवाजा बड़ा होना चाहिए।
-घर में दो मुख्‍य द्वार हैं तो वास्तुदोष हो सकता है। घर में प्रवेश का केवल एक मुख्य द्वार बड़ा होना चाहिए।
-द्वार के खुलने बंद होने में आने वाली चरमराती ध्वनि स्वरवेध कहलाती हैं जिसके कारण आकस्मिक अप्रिय घटनाओं को प्रोत्साहन मिलता है।
 
 
दरवाजे के कुछ महत्वपूर्ण नियम:-
*द्वार अच्छे से सजा और दो पाट वाला होना चाहिए।  
*घर में दो प्रवेश द्वार होने चाहिए। एक बड़ा दूसरा छोटा।
*घर की सभी खिड़की व दरवाजे एक समान ऊंचाई पर होने चाहिए।
*सीढ़ियों के दरवाजे का मुख उत्तर या दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए।
*मकान के भीतर तक जाने का मार्ग मुख्य द्वार से सीधा जुड़ा होना चाहिए।
*घर का मुख्यद्वार घर के बीचों-बीच न होकर दाईं या बाईं ओर स्थित होना चाहिए या वास्तुशास्त्री से संपर्क करें।
*घर के द्वार के ऊपर बाहर की ओर गणेशजी की तस्वीर लगाएं। दाएं और बाएं शुभ और लाभ लिखें और द्वार पर वंदरवार लगाएं जिसमें बेलबूटे, नक्काशी या सुंदर चित्र बने हों।
*ध्यान रखें, द्वार के बाहर अपने किसी गुरु या किसी अन्य देवी या देवता का चित्र कदापि न लगाएं। वास्तु अनुसार यह उचित नहीं होता है। मात्र गणेशजी की मूर्ति या उनकी तस्वीर ही लगा सकते हैं।
 
दरवाजे की दिशा-
1.पूर्व- दरवाजा पूर्व मुखी वाला है तो यह शुभ तो होगा लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं। इससे व्यक्ति कर्ज में डूब सकता है। हालांकि यह दरवाजा बहुमुखी विकास व समृद्घि प्रदान करता है।
 
2.आग्नेय- आग्नेय कोण का दरवाजा बीमारी और गृहकलह पैदा करने वाला होता है। यह दरवाजा सभी तरह की प्रगति को रोक देता है। लगातर आर्थिक हानी होती रहती है।
 
3.दक्षिण- दक्षिण दिशा का दरवाजा आर्थिक और मानसिक परेशानियों को बढ़ाता है। यह मृत्यु का भी कारण बनता है।
 
4.नैऋत्य- इस दिशा में प्रवेश द्वार होने का मतलब है परेशानियों को आमंत्रण देना। नैऋत्य कोण के बढ़े होने से असहनीय स्वस्थ्य पीड़ा व अन्य गंभीर परेशानियां पैदा होती हैं और यदि यह खुला रह जाए तो ना-ना प्रकार की समस्या घर कर जाती है।
 
5.पश्चिम- पश्चिम दिशा में दरवाजा होने से घर की बरकत खत्म होती है। यह आपके व्यापार में लाभ तो देगा, मगर यह लाभ अस्थायी होगा। हालांकि जरूरी नहीं है कि पश्चिम दिशा का दरवाजा हर समय नुकसान वाला ही होगा।
 
6.वायव्य- उत्तर व पश्चिम दिशा में है तो ये आपको समृद्धि तो प्रदान करता ही है, यह भी देखा गया है कि यह स्थिति भवन में रहने वाले किसी सदस्य का रूझान अध्यात्म में बढ़ा देती है। वायव्य कोण यदि गंदा है तो नुकसान होगा।
 
7.उत्तर- उत्तर का दरवाजा हमेशा लाभकारी होता है। इस दिशा में घर के सबसे ज्यादा खिड़की, बालकनी और दरवाजे होना चाहिए। उत्तर दिशा का द्वार समृद्धि, प्रसिद्ध और प्रसन्नता लेकर आता है।
 
8.ईशान- यदि दरवाजा ईशान में है तो यह शांति, उन्नती, समृद्धि और खुशियों का खजाना है। ईशान कोण के दारवाजे के बाहर का वास्तु भी अच्छा होना चाहिए।
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कब है गुड़ी पड़वा, कौन हैं इस वर्ष के राजा, क्या है इस संवत्सर का नाम, सब जानिए यहां