आपके घर का मुख्य द्वार या दरवाजा पूर्व, पश्चिम, उत्तर या दक्षिण के अलावा अन्य किसी दिशा में है तो सभी का वास्तु अनुसार अलग-अलग प्रभाव होता है। दरवाजे की दिशा से ही घर की दशा भी तय होती है। अत: जानिए कि किस दिशा के दरवाजे से होता कौनसा फायदा और कौनसा नुकसान।
1.पूर्व- दरवाजा पूर्व मुखी वाला है तो यह शुभ तो होगा लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं। इससे व्यक्ति कर्ज में डूब सकता है। हालांकि यह दरवाजा बहुमुखी विकास व समृद्घि प्रदान करता है।
2.आग्नेय- आग्नेय कोण का दरवाजा बीमारी और गृहकलह पैदा करने वाला होता है। यह दरवाजा सभी तरह की प्रगति को रोक देता है। लगातर आर्थिक हानी होती रहती है।
3.दक्षिण- दक्षिण दिशा का दरवाजा आर्थिक और मानसिक परेशानियों को बढ़ाता है। यह मृत्यु का भी कारण बनता है।
4.नैऋत्य- इस दिशा में प्रवेश द्वार होने का मतलब है परेशानियों को आमंत्रण देना। नैऋत्य कोण के बढ़े होने से असहनीय स्वस्थ्य पीड़ा व अन्य गंभीर परेशानियां पैदा होती हैं और यदि यह खुला रह जाए तो ना-ना प्रकार की समस्या घर कर जाती है।
5.पश्चिम- पश्चिम दिशा में दरवाजा होने से घर की बरकत खत्म होती है। यह आपके व्यापार में लाभ तो देगा, मगर यह लाभ अस्थायी होगा। हालांकि जरूरी नहीं है कि पश्चिम दिशा का दरवाजा हर समय नुकसान वाला ही होगा।
6.वायव्य- उत्तर व पश्चिम दिशा में है तो ये आपको समृद्धि तो प्रदान करता ही है, यह भी देखा गया है कि यह स्थिति भवन में रहने वाले किसी सदस्य का रूझान अध्यात्म में बढ़ा देती है। वायव्य कोण यदि गंदा है तो नुकसान होगा।
7.उत्तर- उत्तर का दरवाजा हमेशा लाभकारी होता है। इस दिशा में घर के सबसे ज्यादा खिड़की, बालकनी और दरवाजे होना चाहिए। उत्तर दिशा का द्वार समृद्धि, प्रसिद्ध और प्रसन्नता लेकर आता है।
8.ईशान- यदि दरवाजा ईशान में है तो यह शांति, उन्नती, समृद्धि और खुशियों का खजाना है। ईशान कोण के दारवाजे के बाहर का वास्तु भी अच्छा होना चाहिए।