गणेश जी की आराधना के बिना वास्तु देवता की संतुष्टि अकल्पनीय है। ऐसे में नियमित रूप से श्री गणेश की आराधना करने से घर अथवा दुकान/कार्यालय में वास्तु दोष उत्पन्न होने की संभावना बहुत कम होती है। आइए जानें कैसे रखें श्री गणेश की मूर्ति-
* श्री गणेश की प्रतिमा स्थापित करते समय विघ्नहर्ता की मूर्ति अथवा चित्र में उनकी सूंड बाएं हाथ की ओर घुमी हुई हो इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
* दाएं हाथ की ओर घुमी हुई सूंड वाले गणेशजी हठी होते हैं तथा उनकी साधना-आराधना कठिन होती है। वे देर से भक्तों पर प्रसन्न होते हैं।
* घर या कार्यस्थल के किसी भी भाग में वक्रतुण्ड की प्रतिमा अथवा चित्र लगाए जा सकते हैं। किंतु यह ध्यान अवश्य रखना चाहिए कि किसी भी स्थिति में इनका मुंह दक्षिण दिशा या नैऋत्य कोण में नहीं होना चाहिए।
* घर में बैठे हुए गणेश जी तथा कार्यस्थल पर खड़े गणपति जी का चित्र लगाना चाहिए, किंतु यह ध्यान रखें कि खड़े गणेश जी के दोनों पैर जमीन का स्पर्श करते हुए हों। इससे कार्य में स्थिरता आने की संभावना रहती है।