मयूर शिखा पौधे के 6 फायदे, घर में लगा लिया तो होगा चमत्कार

अनिरुद्ध जोशी
यह पौधा आसानी से प्राप्त हो सकता है। मोर की शिखा जैसा दिखाई देने के कारण इसे मयूर शिखा कहते हैं। बंगाली में लाल मोरग या मोरगफूल कहते हैं जबकि तेलगु में माइरक्षिपा और ओड़िया में मयूर चूड़िआ कहते हैं। भारतीय भाषाओं में इसे भिन्न भिन्न नाम से जानते हैं। इसका वैज्ञानिक नामएक्टीनप्टेरीडेसी और अंग्रेजी में इसे पीकॉक्स टेल कहते हैं। यह मुर्गे की कलगी की तरह भी दिखाई देता है इसलिए इसे 'मुर्गे का फूल' भी कहते हैं। यह पौधे 2 या 3 प्रकार के होते हैं।  

 
1. बाग-बगीचे और घर के अंदर की सुंदरता बढ़ाने के लिए यह पौधा लगाया जाता है। यह डेकोरेटिव पौधा है।
 
2. वास्तुदोष निवारण में यह पौधा लाभदायक माना जाता है। इससे घर के भीतर की नकारात्मकता समाप्त होती है।
 
3. माता जाता है कि इसे लगाने से पितृदोष का निवारण भी होता है।
 
4. इसका एक नाम दुष्टात्मानाशक भी है अर्थात यह घर में बुरी आत्माओं के प्रवेश को रोकता है।
 
5. इसकी पत्तियां और फूल को सब्जी के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।
 
6. आयुर्वेद में इसका उपयोग औषधी के रूप में होता है। कषाय, अम्ल, शीत, लघु, कफ-पित्तशामक, ज्वरघ्न तथा पक्वातिसार शामक, मधुमेहरोधी आदि का कार्य होता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

अमरनाथ यात्रा के बीच इन 5 कठिनाइयों का करना पड़ता है सामना

50 साल बाद सूर्य गोचर से बना शुभ चतुर्ग्रही योग, 3 राशियों के पलट जाएंगे किस्मत के सितारे

लाल किताब के अनुसार किस्मत का ताला खोलने के क्या है अचूक उपाय

गोल्ड पहन रखा है तो हो जाएं सावधान, पहले जान लें कि इसके क्या है नुकसान और सावधानियां

जगन्नाथ मंदिर के गुंबद पर स्थित नीलचक्र और ध्वज का रहस्य जानकर चौंक जाएंगे

सभी देखें

नवीनतम

Aaj Ka Rashifal: 22 अप्रैल आज का राशिफल, जानें आपका ताजा भविष्यफल

22 अप्रैल 2025 : आपका जन्मदिन

22 अप्रैल 2025, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

क्या पोप फ्रांसिस को लेकर नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी सच साबित हुई, सच में शुरू होने वाला है भयानक समय?

क्या सच में ओडिशा का जगन्नाथ मंदिर जलमग्न हो जाएगा, क्या कहती है भविष्यवाणी

More