Vastu dosha nivarana : घर के वास्तु दोष से सभी तरह की उन्नति रुक जाती है। घर में गृह कलह होता है और यहां तक किसी किसी की अकाल मौत भी हो जाती है। ऐसे में बिना तोड़फोड़ के वास्तु दोष कैसे दूर कर सकते हैं- vastu dosh kaise dur kare? यदि आपको लगता है कि घर में वास्तु दोष है तो मात्र 3 उपाय करें और हर तरह के वास्तु दोष से मुक्ति पाएं। आपका मकान किसी भी दिशा का हो इन उपायों से वास्तु दोष दूर हो जाएगा।
1. दरवाजा और दहलीज बनाएं मजबूत और सुंदर : घर का मुख्य द्वार की चौखट और दहलीज को मजबूत लकड़ी का मनाएं और उसे सुंदर भी बनाएं। उसपर वंदनवार लगाएं, शुभ, लाभ और ॐ का चिन्ह भी लगाएं। पंचमुखी हनुमानजी का चित्र या मूर्ति लगाएं। दहलीज को भी पारंपरिक तरीके से बनाकर उसके दोनों ओर स्वास्तिक लगाएं। आसपास सुंदर फूलों वाले गमले लगाएं और दरवाजे की नियमित सफाई करें। दरवाजे के उपर एक शेड भी लगाएं ताकी नीचे छाव बनी रहे।
2. घर को बनाएं सुंदर : घर को भीतर से अच्छे से सजाएं। सुंदर चित्रों, पर्दों, सुंदर वस्तुओं से सजाएं। जैसे गुलदस्ता, पेंटिंग, फूल, पारंपरिक चित्रकारी, मांडना, झुमर, लटकन आदि वस्तुओं से उसे अच्छे से सजाएं। चीजों को उनकी उचित दिशा में ही रखें। जैसे जल संबंधित चीजें ईशान में रखें। दक्षिण के भाग में अलमारी रखें और खिड़की या दरवाजा हो तो मोटे पर्दे लगाएं।
प्रवेश कक्ष यानी दरवाजे से अंदर आते ही जो कमरा सबसे पहले आता है, वहां सफेद, हल्का हरा, गुलाबी व नीला रंग करवाना शुभ परिणाम देता है। लिविंग रूम/बैठक कक्ष में हमेशा पीला, मटमैला, भूरा, हरा रंग शुभ होता है। भोजन कक्ष में आप हरा, नीला या हल्का गुलाबी, हल्का रंग का प्रयोग कर सकते हैं। ये तीनों रंग इस कमरे के लिए शुभ होते हैं। मुख्य शयन कक्ष में हरा या नीला, गुलाबी, हल्का रंग का प्रयोग किया जाना चाहिए, जो वास्तु के अनुसार इस कमरे के लिए शुभता प्रदान करते हैं। बच्चों का कोई कमरा हो, या फिर जहां पर बच्चों को सुलाया जाता है वहां की दीवारों पर काला, नीला या हरा रंग शुभ होता है।
रसोईघर यानी किचन में हमेशा शांतिदायक सफेद रंग शुभ होता है, जो वहां की ऊर्जा को सकारात्मकता प्रदान करता है। पूजा व आध्यात्म से संबंधित कमरे में सदैव गुलाबी, काला, हरा, लाल रंग करवाया जाना ही शुभ फल प्रदान करता है। स्नान घर/ बाथरूम का अंदरूनी रंग गुलाबी, काला, स्लेटी या सफेद हो तो वह शुभता व सकारात्मकता प्रदान करता है। अध्ययन कक्ष अर्थात् जहां पर पढ़ाई या लिखा-पढ़ी का काम किया जाता हैं, उसमें हरा, लाल, गुलाबी, नीला, हल्का भूरा, हल्का रंग शुभ होता है।
3. साफ-सफाई और सुगंध : घर की नियमित अच्छे से साफ-सफाई करके चारों और सुगंधित वातावरण निर्मित करने के लिए सुगंध का उपयोग करें। जहां गंदा होता है वहां राहु सक्रिय रहता है और जहां दुर्गंध रहती है वहां पर शुक्र अस्त हो जाता है। खाकर टॉयलेट और बाथरूम को साफ सुथरा रखकर सुगंधित बनाकर रखें। प्रतिदिन सुबह और शाम को कर्पूर जलाएं। गुरुवार को गुग्गल की धूप दें।