Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

वसंत पंचमी का पर्व 10 फरवरी को : जानिए, क्या करें-क्या न करें (11 काम की बातें)

हमें फॉलो करें वसंत पंचमी का पर्व 10 फरवरी को : जानिए, क्या करें-क्या न करें (11 काम की बातें)
माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी से ऋतुओं के राजा वसंत का आरंभ हो जाता है। यह दिन नवीन ऋतु के आगमन का सूचक है। इसीलिए इसे ऋतुराज वसंत के आगमन का प्रथम दिन माना जाता है। इसी समय से प्रकृति के सौंदर्य में निखार दिखने लगता है। वृक्षों के पुराने पत्ते झड़ जाते हैं और उनमें नए-नए गुलाबी रंग के पल्लव मन को मुग्ध करते हैं।
 
आइए जानते हैं कैसे करें वसंत पंचमी का पूजन :- 
 
1. वसंत पंचमी के दिन स्नान आदि से निवृत्त होकर पीतांबर या पीले वस्त्र पहनें।
 
2. माघ शुक्ल पूर्वविद्धा पंचमी को उत्तम वेदी पर वस्त्र बिछाकर अक्षत (चावल) से अष्टदल कमल बनाएं।
 
3. उसके अग्रभाग में गणेशजी स्थापित करें। पास में सरस्वती का चित्र या प्रतिमा स्थापित करें।
 
4. पृष्ठभाग में 'वसंत' स्थापित करें। वसंत, जौ व गेहूं की बाली के पुंज को जल से भरे कलश में डंठल सहित रखकर बनाया जाता है। लाल या केसरिया स्याही से सरस्वती का दिया गया यंत्र बनाएं।
 
5. इसके पश्चात्‌ सर्वप्रथम गणेशजी का पूजन करें और फिर पृष्ठभाग में स्थापित वसंत पुंज के द्वारा रति और कामदेव का पूजन करें। इसके लिए पुंज पर अबीर आदि के पुष्पों माध्यम से छींटे लगाकर वसंत सदृश बनाएं।
 
6. मंत्र पढ़ें -
 
'शुभा रतिः प्रकर्त्तव्या वसन्तोज्ज्वलभूषणा ।
नृत्यमाना शुभा देवी समस्ताभरणैर्युता ॥
वीणावादनशीला च मदकर्पूरचर्चिता।'
 
'कामदेवस्तु कर्त्तव्यो रूपेणाप्रतिमो भुवि।
अष्टबाहुः स कर्त्तव्यः शंखपद्मविभूषणः॥
 
चापबाणकरश्चैव मदादञ्चितलोचनः।
रतिः प्रतिस्तथा शक्तिर्मदशक्ति-स्तथोज्ज्वला॥
 
चतस्त्रस्तस्य कर्त्तव्याः पत्न्यो रूपमनोहराः।
चत्वाश्च करास्तस्य कार्या भार्यास्तनोपगाः॥
केतुश्च मकरः कार्यः पंचबाणमुखो महान्‌।'
 
इस प्रकार से कामदेव का ध्यान करके विविध प्रकार के फल, पुष्प और पत्रादि समर्पण करें तो गृहस्थ जीवन सुखमय होता है। प्रत्येक कार्य को करने के लिए उत्साह प्राप्त होता है।
 
7. सामान्य हवन करने के बाद केशर या हल्दी मिश्रित हलवे की आहुतियां दें।
 
8. 'वसंत-पंचमी' के दिन किसान लोग नए अन्न में गुड़ तथा घी मिश्रित करके अग्नि तथा पितृ-तर्पण करें।
 
9. वसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी सरस्वती के पूजन का विशेष विधान है। कलश की स्थापना करके गणेश, सूर्य, विष्णु तथा महादेव की पूजा करने के बाद वीणावादिनी मां सरस्वती का पूजन करना चाहिए।
 
10. इस दिन विष्णु-पूजन का भी महात्म्य है।
 
11. इस दिन कटु वचन बोलने से, किसी का मन दुखाने से बचना चाहिए।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

वसंत पंचमी के बस यह 4 सरलतम मंत्र ही देंगे आपको विद्या का वरदान, पढ़ना न भूलें