सरस्वती महामाये शुभे कमललोचिनी... विश्वरूपी विशालाक्षी ... विद्यां देहि परमेश्वरी... । माघ शुक्ल पंचमी रविवार 10 फरवरी को विद्या की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती की पूजा होगी। इसी दिन मां सरस्वती का अवतार माना जाता है। सरस्वती ब्रह्म की शक्ति के रूप में भी जानी जाती हैं। नदियों की देवी के रूप में भी इनकी पूजा की जाती है।
इस वर्ष सरस्वती पूजा पर ग्रह-गोचरों का महासंयोग बन रहा है। सरस्वती पूजा पर रविवार, रवि सिद्धियोग,अबूझ नक्षत्र और 10 तारीख का महासंयोग बन रहा है। माघ शुक्ल पंचमी शनिवार 9 फरवरी की दोपहर 12.25 बजे से शुरू होगा जो रविवार 10 फरवरी को दोपहर 2.08 बजे तक है। पूजन के समय अबूझ नक्षत्र का भी संयोग बना है। पूजन का सबसे शुभ मुहूर्त सुबह 6.40 बजे से दोपहर 12.12 बजे तक है।
सरस्वती पूजा पर मंत्र दीक्षा, नवजात शिशुओं का विद्या आरंभ भी किया जाता है। इस तिथि पर मां सरस्वती के साथ गणेश, लक्ष्मी और पुस्तक-लेखनी की पूजा अति फलदायी मानी जाती है। इसी दिन से फाग गीत ग्रामीण इलाकों में गाए जाने लगते हैं। लोग अबीर-गुलाल भी लगाना शुरू कर देते हैं।