वसंत पंचमी 2021 : क्या सरस्वती नाम से 2 देवियां हैं? तब किसकी करें पूजा

अनिरुद्ध जोशी
त्रिदेवियों में से एक माता सरस्वती की पूजा वसंत पंचमी के दिन होती है। वसंत पंचमी के दिन को इनके जन्मोत्सव के रूप में भी मनाते हैं। देवी सरस्वती का वर्ण श्‍वेत है। परंतु पुराणों में 2 सरस्वती के होने का उल्लेख मिलता है। आओ जानते हैं इस रहस्य को।
 
 
सरस्वती नाम से दो देवियों का उल्लेख मिलता है। ऐसी मान्यता है कि एक विद्या की देवी और दूसरी संगीत की देवी। दोनों की ही पूजा करना चाहिए। बागीश्वरी, भगवती, शारदा, वीणावादनी और वाग्देवी। एक कमल पर विराजमान है और दूसरी हंस पर।
 
दो सरस्वती : 
1. शास्त्रों के अनुसार जिस तरह ज्ञान या विद्याएं दो हैं उसी तरह सरस्वती भी दो हैं। विद्या में अपरा और परा विद्या है। अपरा विद्या की सृष्टि ब्रह्माजी से हुई लेकिन परा विद्या की सृष्टि ब्रह्म (ईश्वर) से हुई मानी जाती है।
 
 
2. अपरा विद्या का ज्ञान जो धारण करती है, वह ब्रह्माजी की पुत्री है जिनका विवाह विष्णुजी से हुआ है। ब्रह्माजी की पत्नी जो सरस्वती है, वे परा विद्या की अधिष्ठात्री देवी हैं। वे मोक्ष के मार्ग को प्रशस्त करने वाली देवी हैं और वे महालक्ष्मी (लक्ष्मी नहीं) की पुत्री हैं।
 
3. शाक्त परंपरा में तीन रहस्यों का वर्णन है- प्राधानिक, वैकृतिक और मुक्ति। इस प्रश्न का, इस रहस्य का वर्णन प्राधानिक रहस्य में है। इस रहस्य के अनुसार महालक्ष्मी के द्वारा विष्णु और सरस्वती की उत्पत्ति हुई अर्थात विष्णु और सरस्वती बहन और भाई हैं। इन सरस्वती का विवाह ब्रह्माजी से और ब्रह्माजी की जो पुत्री है, उनका विवाह विष्णुजी से हुआ है।
 
 
4. सरस्वती नाम से दो देवियों का उल्लेख मिलता है। ऐसी मान्यता है कि एक विद्या की देवी और दूसरी संगीत की देवी। दोनों की ही पूजा करना चाहिए। एक कमल पर विराजमान है और दूसरी हंस पर। कहीं-कहीं ब्रह्मा पुत्री सरस्वती को विष्णु पत्नी सरस्वती से संपूर्णतः अलग माना जाता है इस तरह मतान्तर मे तीन सरस्वती का भी वर्णन आता है। इसके अन्य पर्याय या नाम हैं वाणी, शारदा, वाग्देवी, वागेश्वरी, वेदमाता इत्यादि। देवी भागवत के अनुसार विष्णु पत्नी सरस्वती वैकुण्ठ में निवास करने वाली है एवं पितामह ब्रह्मा की जिह्वा से जन्मी हैं। देवी सरस्वती का वर्णन वेदों के मेधा सूक्त में, उपनिषदों, रामायण, महाभारत के अतिरिक्त कालिका पुराण, वृहत्त नंदीकेश्वर पुराण तथा शिव महापुराण, श्रीमद् देवी भागवत पुराण इत्यादि में मिलता है। इसके अलावा ब्रह्मवैवर्त पुराण में विष्णु पत्नी सरस्वती का विशेष उल्लेख आया है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

तुलसी विवाह देव उठनी एकादशी के दिन या कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन करते हैं?

Shani margi 2024: शनि के कुंभ राशि में मार्गी होने से किसे होगा फायदा और किसे नुकसान?

आंवला नवमी कब है, क्या करते हैं इस दिन? महत्व और पूजा का मुहूर्त

Tulsi vivah 2024: देवउठनी एकादशी पर तुलसी के साथ शालिग्राम का विवाह क्यों करते हैं?

Dev uthani ekadashi 2024: देवउठनी एकादशी पर भूलकर भी न करें ये 11 काम, वरना पछ्ताएंगे

सभी देखें

धर्म संसार

11 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

11 नवंबर 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Saptahik Muhurat 2024: नए सप्ताह के सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त, जानें साप्ताहिक पंचांग 11 से 17 नवंबर

Aaj Ka Rashifal: किन राशियों के लिए उत्साहवर्धक रहेगा आज का दिन, पढ़ें 10 नवंबर का राशिफल

MahaKumbh : प्रयागराज महाकुंभ में तैनात किए जाएंगे 10000 सफाईकर्मी

अगला लेख
More