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Valentine Day | ऐसा जीवन जीएं कि आपका हर दिन हो वेलेंटाइन डे

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राजश्री कासलीवाल

valentine day

मिताली अपनी मम्मी और छोटे भाई के साथ घूमने गई थी। ट्रेन में सफर के दौरान उसे एक अच्छा दोस्त राहुल मिल गया। सफर के दौरान उनकी आपस में काफी अच्छी बातचीत और अच्छी-खासी पहचान हो गई।
 
 
करीब 10-12 दिन साथ गुजारने के बाद एक दिन वह समय भी आया, जब दोनों को बिछुड़ना था। तय समय के अनुसार दोनों बिछुड़ गए। ट्रेन से उतरते समय राहुल ने मिताली के छोटे भाई से घर का फोन नंबर ले लिया था। इस बात की जानकारी मिताली और उसकी मम्मी को नहीं थी। 
 
ट्रेन से बिदाई के वक्त राहुल मिताली की मम्मी को घर आने का न्योता देकर वहां से रवाना हो गया। एक-दो दिन तो जैसे-तैसे बीत गए, लेकिन राहुल का मन बहुत ही बेचैन था। उसका किसी काम में मन नहीं लग रहा था। दोस्तों के बीच बातचीत में भी उसका मन नहीं लग रहा था।
 
 
जहां भी जाए, उसके दिलो-दिमाग पर ट्रेन की यादों का सफर इस कदर छाया हुआ था कि उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर उसे क्या हो गया है? शायद राहुल भी यह नहीं समझ पाया कि यह वही प्यार है जिसकी वजह से उसका सुख-चैन छीन गया है। फिर उसने अपने एक दोस्त से मिताली के घर फोन लगवाया और मिताली के हालचाल जानने की कोशिश की।
 
राहुल ने मिताली के बारे में पूछा तो मिताली की मम्मी ने फोन मिताली को दे दिया। दोनों के बीच कुछ बातें हुईं जिसे उसकी मम्म‍ी ने सुना भी नहीं और बाद में उस फोन के बारे में कुछ पूछा भी नहीं। लेकिन उन दोनों के बीच कुछ तो ऐसा हुआ था कि दोनों की दोस्ती प्यार का रंग ले बैठी। वक्त के साथ कुछ दिनों का समय यूं ही निकल गया।

 
राहुल ने शायद मिताली से घूमने की बात की थी और कॉलेज के बाद का समय लेकर वे दोनों घूमने चले गए। 2-4 बार तक तो यही सिलसिला चलता रहा, दोनों का साथ-साथ घूमना, होटल में खाना खाना। मिताली की मम्मी को इसकी भनक भी नहीं थी कि तभी एक दिन मिताली अच्छे-खासे 2-3 गिफ्ट लेकर घर लौटी।
 
मिताली के घर में और भी लोग चाचा-चाची व दादी भी रहते थे। मिताली ने उनसे कुछ नहीं कहा और सीधे अपनी मम्मी के रूम में चली आई और अपनी मम्मी से कुछ नहीं छिपाया। राहुल और अपने बारे में जो भी बातें हुईं, वह सब सच-सच मम्मी को बता दिया और वह जो गिफ्ट लेकर आई थी, वह भी मम्मी और भाई को बता दिए।
 
 
मिताली की मम्मी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि उसके सवाल का क्या जवाब दें। लेकिन उन्होंने धैर्य से काम लिया और दोबारा राहुल का फोन आने पर उससे सचाई जानने की कोशिश की। 
 
मिताली के मन की बात तो उसकी मम्मी पहले ही सुन चुकी थी, लेकिन राहुल के मन की बात उन्हें जानना थी। राहुल और मिताली के मन की बात राहुल के मुंह से सुनने के बाद मि‍ताली की मम्मी को उनकी बात जायज लगी और उन्होंने उन दोनों का पूरा साथ दिया।
 
 
अब मिताली और राहुल अपने सुनहरे भविष्य के सपने अपने दिल में लिए अपने भरे-पूरे परिवार के साथ हंसी-खुशी अपना जीवन बिता रहे हैं। इतना ही नहीं, जीवन में हर पल एक-दूसरे का साथ निभाते हुए ऐसे जी रहे हैं, जैसे हर दिन उनका पहला 'वेलेंटाइन डे' हो। 

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