प्रेम अपरिभाषित

Webdunia
- पंकज जोशी
ND

धूप में जीवन की जब
श्‍याम रंग को श्वेत करने
चले जो बसंत की बयार,
छलकाती फिरे हर ओर
प्रेम भाव अपरंपार...

पेशानी की सिलवटों के बीच
रास्ता बनाकर उमंग का
बरसाए सुख की फुहार,
मुस्कान बनकर होंठों की
बढ़ता प्रेम निराकार...

शोरगुल में भीड़ के
वह मौन होकर भी
करता ह्रदय में झंकार,
शब्दों के परे रहकर प्रेम
कह जाता किस्से हज़ार...

छुईमुई के पौधे सा वो तो
खिले कभी मुरझाए कभी
छाए जब निश्छल स्पर्श बहार,
शूल में कोमलता ढूँढे
पत्थर को विस्मित करता प्यार...

बुझी हुई आँखों को चीर
होंठों से श्रम कराकर
करता मुख का भाव श्रृंगार,
मन की बंजर भूमि में
बो देता नि:स्वार्थ विचार...

सीमाएँ लांघके उड़ता
मिथकों को तोड़के जीता
परिवर्तनों को सुखद बनाकर,
देता मन में विश्वास अपार,
परिभाषा से अपरिचित है जो,
ऐसा ही शायद होता प्यार???

Show comments

चलती गाड़ी में क्यों आती है नींद? जानें इसके पीछे क्या है वैज्ञानिक कारण

सर्दियों में नाखूनों के रूखेपन से बचें, अपनाएं ये 6 आसान DIY टिप्स

क्या IVF ट्रीटमेंट में नॉर्मल डिलीवरी है संभव या C - सेक्शन ही है विकल्प

कमर पर पेटीकोट के निशान से शुरू होकर कैंसर तक पहुंच सकती है यह समस्या, जानें कारण और बचाव का आसान तरीका

3 से 4 महीने के बच्चे में ये विकास हैं ज़रूरी, इनकी कमी से हो सकती हैं समस्याएं

नैचुरल ब्यूटी हैक्स : बंद स्किन पोर्स को खोलने के ये आसान घरेलू नुस्खे जरूर ट्राई करें

Winter Skincare : रूखे और फटते हाथों के लिए घर पर अभी ट्राई करें ये घरेलू नुस्खा

Kaal Bhairav Jayanti 2024: काल भैरव जयंती पर लगाएं इन चीजों का भोग, अभी नोट करें

चाहे आपका चेहरा हो या बाल, यह ट्रीटमेंट करता है घर पर ही आपके बोटोक्स का काम

डायबिटीज के लिए फायदेमंद सर्दियों की 5 हरी सब्जियां ब्लड शुगर को तेजी से कम करने में मददगार

More