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एक्जिट पोल आने के बाद रावत का उत्तराखंड में पूर्ण बहुमत की कांग्रेस सरकार बनने का दावा

हमें फॉलो करें एक्जिट पोल आने के बाद रावत का उत्तराखंड में पूर्ण बहुमत की कांग्रेस सरकार बनने का दावा

एन. पांडेय

, मंगलवार, 8 मार्च 2022 (22:14 IST)
देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक्जिट पोल आने के बाद प्रदेश में पूर्ण बहुमत की कांग्रेस की सरकार बनने का दावा करते कहा कि उत्तराखंड की जनता के दिल का सर्वेक्षण हमारे पक्ष में हैं। एक्जिट पोल पर उन्होंने कहा कि आम जनता ने जब पोल किया है तो एक्जिट पोल से क्या होगा? आम जनता का ही पोल सब कुछ है। हम स्पष्ट बहुमत प्राप्त कर रहे हैं और हम इसके लिए आशान्वित हैं।

 
उन्होंने कैलाश विजयवर्गीय की उत्तराखंड में मौजूदगी पर कटाक्ष करते कहा कि जो तोड़फोड़ के विशेषज्ञ हैं, उनको बीजेपी ने बुलाया है। इससे साफ जाहिर है कि बीजेपी को पता है कि उनकी क्या स्थिति है?
आपको बता दें कि कल सोमवार से टीवी चैनलों में एग्जिट पोल दिखाए जा रहे हैं। इस एग्जिट पोल को लेकर उत्तराखंड में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों के नेता काफी खुश नजर आ रहे हैं। दोनों ही दलों की ओर से दावा किया जा रहा है कि इस बार पूर्ण बहुमत की उनकी सरकार बन रही है। हालांकि 10 मार्च को ईवीएम खुलने के बाद ही साफ होगा कि उत्तराखंड में जनता ने किस दल पर अपनी मुहर लगाई है और प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी?
 
मंगलवार को हुई कांग्रेस की बैठक में कांग्रेस नेता और उत्तराखंड के पूर्व सीएम रावत ने कहा कि हम लोगों की भावनाओं के बारे में जानते हैं और उन्होंने कांग्रेस को वोट दिया है और बदलाव किया है। निर्णय कांग्रेस के पक्ष में होगा। वहीं उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि हमें 43-45 सीटें मिलेंगी और हम सरकार बनाएंगे। नतीजे आने के बाद पार्टी नेताओं और आलाकमान से चर्चा की जाएगी कि मुख्यमंत्री कौन होगा?
 
रावत ने कहा कि 17 मार्च, 2017 में कांग्रेस उत्तराखंड में पराजित हुई थी, पराजय बहुत गहरी थी। 10 मार्च, 2022 को नई विधानसभा जन्म ले लेगी। नामकरण तो सदस्यों के शपथ ग्रहण के साथ होगा, मगर जन्म 10 मार्च को हो जाएगा।
 
उन्होंने कहा कि यह 5 साल का फासला एक राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में मेरे लिए बेहद चुनौतियों से भरा हुआ था, एक अति बुरी पराजय से उभरने के लिए ही अपनों की बहुत बड़ी मानसिक शक्ति की आवश्यकता थी। 
मतदान तक प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी हुई थी, वह मतदान के बाद कुछ कम हो गई थी। इधर मतगणना के दिन करीब आने के साथ ही चर्चाएं तेज हो गई हैं कि कौन जीतेगा? किसकी सरकार बनेगी? इसको लेकर बातें हो रही हैं। सभी की निगाहें मतगणना के दिन को लेकर लगी हुई हैं।

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