देहरादून। हरिद्वार ग्रामीण और किच्छा दोनों विधानसभा क्षेत्रों में हार का सामना करने वाले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शनिवार को अपना इस्तीफा राज्यपाल कृष्णकांत पाल को सौंप दिया तथा चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन का कारण अपने नेतृत्व में कमी को बताया।
अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंपने के बाद रावत ने कहा कि संसाधनों की कमी के बावजूद कड़ी मेहनत करने वाले अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की उम्मीदों पर खरा न उतर पाने की जिम्मेदारी मैं अपने ऊपर लेता हूं।
रावत ने कहा कि मैं मानता हूं कि मेरे अपने नेतृत्व में ही कुछ कमी रही होगी जिसके कारण पार्टी का चुनावों में प्रदर्शन खराब रहा। उन्होंने प्रदेश में अपनी पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए मोदी क्रांति और ईवीएम चमत्कार को भी जिम्मेदार माना। हालांकि उन्होंने इसे स्पष्ट करने से इंकार कर दिया और कहा कि वे जो कुछ कह सकते थे, उन्होंने कह दिया है। उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व, खासतौर पर राहुल गांधी और अपनी पार्टी के विधिक प्रकोष्ठ को चुनावों के दौरान दिए सहयोग के लिए धन्यवाद भी दिया।
चुनावों के दौरान भाजपा पर भारी-भरकम धन खर्च करने का आरोप लगाते रहे रावत ने चुनाव आयोग से पार्टी के चुनावी खर्चे की ऊपरी सीमा तय करने को भी कहा। इससे पहले मुख्यमंत्री रावत ने राजभवन जाकर राज्यपाल डॉ. कृष्णकांत पाल से मुलाकात की तथा अपना इस्तीफा उन्हें सौंप दिया।
राजभवन सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल ने रावत का इस्तीफा स्वीकार करते हुए उन्हें प्रदेश में अगली सरकार के गठन तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर पद पर बने रहने का आग्रह किया है। (भाषा)