कानपुर। उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री अजीत सिंह पाल ने हाथरस (Hathras) में 19 वर्षीय लड़की के कथित सामूहिक बलात्कार और उसकी मौत की घटना को छोटा सा मुद्दा करार देते हुए कहा कि दलित किशोरी के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ था।
उत्तर प्रदेश के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री पाल ने एक बयान में कहा कि डॉक्टरों ने साफ कर दिया है कि हाथरस की घटना में महिला के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ। मंत्री के बयान पर बवाल मचने की आशंका है।
उन्होंने इस घटना पर विपक्षी दलों के हमलों को लेकर संवाददाताओं के सवाल पर कहा, 'अगर विपक्ष (सरकार पर) हमले कर रहा है तो हम कुछ नहीं कर सकते। उनके पास कोई मुद्दा नहीं है और वे बीच-बीच में ऐसे छोटे मुद्दे उठाते रहते हैं। वे केवल मुद्दे उठा रहे हैं और जनहित में कुछ भी नहीं कर रहे।'
जब मीडियाकर्मियों ने पूछा कि क्या हाथरस की घटना छोटी है तो पाल ने कहा, 'मैं कह रहा हूं कि मामले की जांच हो रही है। डॉक्टरों ने कहा है कि इस तरह का कुछ नहीं हुआ। जांच में जो सामने आया, सार्वजनिक किया जाएगा।'
पीड़िता के गांव में मीडिया के प्रवेश पर रोक : प्रशासन ने स्पष्ट कहा है कि किसी भी नेता और मीडिया को हाथरस के उस गांव में तब तक प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी जब तक कथित सामूहिक बलात्कार मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की तफ्तीश पूरी नहीं हो जाती।
अधिकारियों के अनुसार मामले पर देशव्यापी आक्रोश के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को 3 सदस्यीय SIT का गठन किया था, जिसे 14 अक्टूबर तक अपनी जांच रिपोर्ट सौंपनी है।