Sambhal violence : संभल हिंसा मामले में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बड़े एक्शन की तैयारी कर रही है। सरकार ने फैसला किया है कि संभल में हाल ही में हुई हिंसा के दौरान सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई उपद्रवी तत्वों से ही की जाएगी। इन तत्वों की पहचान के लिए जगह-जगह उनके पोस्टर लगवाए जाएंगे।
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संभल शहर के मोहल्ला कोट पूर्वी में स्थित जामा मस्जिद के पिछले रविवार को हो रहे सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क उठी थी जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई थी। इस दौरान हुए पथराव में सार्वजनिक संपत्ति को भी नुकसान हुआ था। सीसीटीवी फुटेज की मदद से अब तक 100 से ज्यादा उपद्रवियों की पहचान की जा चुकी है।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश सरकार संभल में हुई हिंसा में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ सख्त रुख अपना रही है। पत्थरबाजों और उपद्रवियों के पोस्टर जगह-जगह लगाए जाएंगे और उनसे नुकसान की वसूली की जाएगी। उनकी गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले को इनाम भी दिया जा सकता है।
सरकार ने वर्ष 2020 में भी इसी तरह की एक पहल में संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में हुई हिंसा के आरोपियों के पोस्टर सार्वजनिक स्थानों पर लगवाए थे। ये पोस्टर लखनऊ सहित कई स्थानों पर लगाए गए थे, लेकिन बाद में अदालत के आदेश पर उन्हें हटा दिया गया था।
संभल शहर के मोहल्ला कोट पूर्वी स्थित मुगल कालीन जामा मस्जिद में पिछले रविवार को अदालत के आदेश पर सर्वे का काम शुरू किया गया था। इसके विरोध में भड़की हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी तथा एक उप जिलाधिकारी समेत कम से कम 25 लोग घायल हो गए थे। इस दौरान हुए पथराव और आगजनी में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा था।
पुलिस ने हिंसा के मामले में कुल 8 मुकदमे दर्ज किए हैं। उनमें से एक मुकदमा संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर रहमान बर्क और संभल सदर सीट से सपा के विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल के खिलाफ भी दर्ज है।
Edited by : Nrapendra Gupta