Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

क्या मुलायम के गढ़ मैनपुरी को बचा पाएंगी डिंपल यादव, जानिए कब से है सपा का इस सीट पर कब्जा?

हमें फॉलो करें क्या मुलायम के गढ़ मैनपुरी को बचा पाएंगी डिंपल यादव, जानिए कब से है सपा का इस सीट पर कब्जा?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, गुरुवार, 10 नवंबर 2022 (13:52 IST)
भारत के पूर्व रक्षामंत्री एवं यूपी के पूर्व मुख्‍यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई मैनपुरी सीट एक बार फिर सुर्खियों में है। 5 दिसंबर को इस सीट पर उपचुनाव होना है। समाजवादी पार्टी ने इस सीट से मुलायम की बड़ी बहू डिंपल यादव को उम्मीदवार बनाया है। सपा इस सीट को किसी भी सूरत में खोना नहीं चाहती, इसीलिए डिंपल को उतारकर उसने एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश की है। 
 
हालांकि इस सीट से मुलायम परिवार के ही तेजप्रताप यादव को उम्मीदवार बनाए जाने की खबरें थीं, जो कि पहले भी मैनपुरी सीट से सांसद रह चुके हैं। जब मुलायम आजमगढ़ और मैनपुरी सीटों पर लोकसभा चुनाव जीते थे, तब उन्होंने मैनपुरी सीट खाली कर दी थी। इसके बाद इस सीट पर हुए उपचुनाव में तेजप्रताप ने सपा ‍के टिकट पर चुनाव जीता था। 
 
जातिगत समीकरण में फिट बैठती हैं डिंपल : मुलायम सिंह यादव के बाद इस सीट पर सपा की राह उतनी आसान भी नहीं होगी। क्योंकि इस समय राज्य एवं केन्द्र में भाजपा की सरकारें हैं। शायद इसीलिए पार्टी ने तेजप्रताप पर दांव नहीं लगाया। वहीं, डिंपल यादव जातीय समीकरण में भी पूरी तरह फिट बैठती हैं। यहां यादव वोटरों के अलावा राजपूत वोटरों की भी बड़ी संख्या है। एक अनुमान के मुताबिक 35 फीसदी से ज्यादा यहां यादव वोटर हैं, जबकि राजपूत वोटरों की संख्या करीब 29 फीसदी है। शाक्य वोटर भी यहां अच्छी संख्या में हैं। 
 
दरअसल, मुलायम की बहू होने के नाते यादव वोटरों की सहानुभूति तो डिंपल के साथ रहेगी, साथ ही डिंपल अपने मायके पक्ष से राजपूत जाति से आती हैं। वे मूल रूप से उत्तराखंड की रहने वाली हैं, जबकि उनके पिता रामचंद्र सिंह रावत सेना में अधिकारी रह चुके हैं। ऐसे में उन्हें राजपूत वोटरों का भी समर्थन मिल सकता है। 
 
1996 से सपा का कब्जा : समाजवादी पार्टी का करीब 20 साल से मैनपुरी सीट पर कब्जा है। 1992 में समाजवादी पार्टी की स्थापना के बाद मुलायम ने 1996 में पहली इस सीट पर लोकसभा चुनाव जीता था। इसके बाद 2004, 2009, 2014 और 2019 में मुलायम सिंह यादव ने इस सीट से जीत दर्ज की थी।
 
समाजवादी पार्टी के ही चौधरी बलराम सिंह, धर्मेन्द्र यादव और तेजप्रताप यादव भी यहां से सांसद रह चुके हैं। 2004 में मुलायम सिंह यहां से रिकॉर्ड वोटों (करीब 3 लाख 28 हजार) वोटों से जीते थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर भी मुलायम के विजय रथ को नहीं रोक सकी थी। 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

चंबल में डकैत नहीं चाहिए से शुरु हो गया था डकैत गुड्डा गुर्जर के आतंक के खात्मे का काउंटडाउन