Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

पश्चिमी उत्तर प्रदेश बन रहा है साधुओं की कब्रगाह!

हमें फॉलो करें पश्चिमी उत्तर प्रदेश बन रहा है साधुओं की कब्रगाह!

हिमा अग्रवाल

, रविवार, 11 अक्टूबर 2020 (12:03 IST)
पश्चिमी उत्तरप्रदेश अब साधुओं की कब्रगाह बनता जा रहा है। एक महीने के अंदर ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में साधुओं के तीन शव मिलने से हड़कंप मच गया है। ये तीनों शव लगभग 40-45 मीटर की दूरी पर ही मिले है। जो अपने आप में एक सवाल खड़ा करते है कि ये साधु कौन है और इनको मारने वाला कौन, इनकी मौत कैसे हुई?

ताजा मामला बागपत जिले के निवाड़ा यमुना नदी का है, जहां कल नदी में तैरता हुआ साधु वेशभूषा का शव मिला। साधु का शव मिलने के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। पुलिस ने शव को नदी से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। साधु की  मौत कैसे हुई, इसकी तस्वीर पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही साफ हो पाएगी।

शनिवार सुबह निवाड़ा गांव से ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी कि यमुना नदी में एक शव पड़ा हुआ है जिसे सूचना पर पहुँची पुलिस ने नदी से बाहर निकलवाया। शव है उसकी वेशभूषा साधु से मिलती हुई दिखाई पड़ रही थी, डेडबॉडी भगवा कपड़ों में थी। पानी में शव होने के कारण फूल गया, पुलिस अब जांच में लगी है कि ये लाश कितने दिन पुरानी है।

गौरतलब है कि बागपत में ही कुछ दिनों पहले यानी 24 सितंबर 2020 को दोघट थाना क्षेत्र के टिकरी कस्बे के तलाब में एक वेषधारी साधु का शव पड़ा मिला था, जिसकी शिनाख्त आज तक नही पाई थी, वही उसी दिन टिकरी से लगभग 30 किलोमीटर दूर मेरठ जनपद के सरधना में भी गंगनहर में लावारिश हालात में एक वेषधारी साधु का शव मिला और उसकी पहचान भी नही हो पायी है।

बागपत टिकरी कस्बे की पट्टी मेंनमाना में मिले साधु की उम्र लगभग 35 वर्ष थी तो निवाड़ा के पास यमुना नहर में मिले साधु की उम्र लगभग 45 वर्ष है। वही मेरठ सरधना गंगनहर से मिला शव भी 45 वर्ष के करीब के साधु का था। इन शवों की पहचान के लिए पुलिस सोशल मीडिया का सहारा भी ले रही है, ताकी इन साधुओं की हत्या की वजह को जान सके।

उत्तर प्रदेश के शासन की बागडोर भगवाधारी  योगी जी के हाथों में है, इस तरह साधुओं के शव नहर में मिलना कई सवाल खड़े कर रहे है। साजिश की तरफ भी इशारा कर रहे है। अहम बात तो ये है कि इस मामले में यूपी कांग्रेस ने भी बागपत पुलिस को ट्वीट करते हुए लिखा है कि पश्चिमी यूपी में पिछले एक महीने में 3 साधुओं का शव मिल चुका है। यूपी में साधुओं पर अत्याचार का सिलसिला थम नही रहा है, जंगलराज चरम पर है।

अब देखना होगा कि सोशल मीडिया के जरिए पुलिस साधुओं की हत्या के मूल कारणों को खोज पाने में कितनी सफल होती है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

देवरिया में टिकट वितरण पर कांग्रेस दफ्तर में हंगामा, महिला नेत्री से मारपीट