दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर उदित राज के काफिले को हाथरस जाने से रोक दिया गया। उदित अपने लगभग 100 समर्थकों के साथ हाथरस में गैंगरेप का शिकार हुई बेटी के घर सांत्वना देने जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें यूपी बॉर्डर पर धारा 144 का वास्ता देते हुए रोक दिया।
उदित राज दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए। उनका कहना था कि यूपी में जगंलराज है, योगीजी पूरी तरह विफल हैं। पीड़ित परिवार को अजय बिष्ट धमका रहे हैं, जब तक वे सीट पर रहेंगे तब तक हाथरस पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिल पाएगा। अजय बिष्ट को तत्काल प्रभाव से हटाना चाहिए। आरोपी पक्ष अजय बिष्ट की जाति से ताल्लुक रखते है, तभी तो बीते कल आरोपी समर्थकों ने हाथरस में सभा भी कर दी है।
उदित राज का कहना है वे किसी राजनीतिक पार्टी के नाते पीड़ित परिवार से मिलने नही जा रहे हैं। वे पीड़ित परिवार की पीड़ा को समझते हैं, इसलिए कुछ लोगों के साथ परिवार से मिलने जा रहे हैं। उन्होंने आगरा के उच्चाधिकारियों से मिलने की फोन पर परमिशन भी ली है। उदित ने कहा कि पीड़ित परिवार ने CBI जांच की मांग नहीं की है। CBI भी सरकार का तोता है और SIT भी सरकार की है।
हालांकि उदित राज पहले बीजेपी से जुड़े रहे थे, उसके बाद कांग्रेस का दामन थाम चुके है। अब वे अपने दमखम पर राजनीति की बात कर रहे हैं। धरने पर बैठे उदित समर्थकों को देखकर पुलिस अधिकारियों के हाथपांव फूल गए। यूपी गेट को छावनी में बदल दिया गया। धरने पर बैठे लोगों को मनाने का प्रयास पुलिस ने किया, लेकिन वे नहीं माने।
पुलिस का कहना है कि धारा 144 लगी हुई है, शांति बनाए रखने के लिए उन्हें रोका गया है। साथ ही कोरोनाकाल चल रहा है, ऐसे में भीड़ होना खतरे की घंटी है। बाद में पुलिस ने 4 गाड़ियों के काफिले को हाथरस जाने की अनुमति दे दी है।