औरैया। सामाजिक परंपराओं और मर्यादाओं से इतर काम करने का विरले लोगों में ही साहस होता है। ऐसे ही एक मन मस्तिक को गहराई से झकझोर देने वाले एक मामले में उत्तर प्रदेश में औरैया के दिबियापुर नगर में 2 पुत्रियों की शिक्षिका मां व जायंट्स ग्रुप ऑफ सहेली की पूर्व अध्यक्ष पूनम गुप्ता के साहस को इतिहास में दर्ज होने का मौका मिला।
समाज सेविका पूनम गुप्ता के चिकित्सक पति कपिल गुप्ता का बीमारी के चलते गुरुवार को निधन हो गया था। दोपहर बाद उनका शव दिल्ली से दिबियापुर लाया गया और आज अंतिम संस्कार के लिए शव को मुक्तिधाम ले जाया गया।
जहां पर अपने दिवंगत पति की अंतिम इच्छा को पूरा करने के लिए पूनम ने पति को अंतिम प्रणाम कर मुखाग्नि दी। पुत्री शिवानी एवं स्वाति के साथ मुक्तिधाम में पूनम गुप्ता को अपने पति डॉ. कपिल गुप्ता के शव को नम आंखों से भावपूर्ण मुखाग्नि देते देख वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गईं।
मुक्तिधाम में मौजूद लोगों के साथ ही यहां पहुंचे कृषि राज्यमंत्री लाखन सिंह राजपूत ने भी पूनम गुप्ता के अदम्य साहस की मुक्तकंठ से सराहना की। दिबियापुर व कस्बा फफूंद में चिकित्सा कार्य के जरिए लोगों की सेवा करने के साथ सामाजिक संस्था जायंट्स ग्रुप से जुड़कर सामाजिक सरोकारों से निरंतर जुड़े रहे डॉ. कपिल गुप्ता पिछले कुछ अरसे से गंभीर बीमार थे और दिल्ली में अपनी पुत्रियों के पास रहकर इलाज करा रहे थे।
गुरुवार सुबह उन्होंने अंतिम स्वांस ली, शाम उनका पार्थिव शरीर दिबियापुर स्थित उनके आवास पर पहुंचा। समस्त कर्मकांड पुष्पार्चन के उपरांत उनकी पार्थिव देह को मुक्तिधाम में लाया गया, जहां पत्नी पूनम गुप्ता ने सामाजिक दूरी के बीच उपस्थित लोगों की मौजूदगी में उन्हें मुखाग्नि दी।
डॉ. कपिल के नज़दीकी रहे लोगों में रामकुमार अवस्थी, कमलेश अवस्थी, प्रदीप मिश्र, आदित्य पोरवाल, प्रधानाचार्य डॉ. अनिरुद्ध प्रताप सिंह भंवर जी, फफूंद के पूर्व चेयरमैन मुकेश भारतीय आदि ने उन्हें अदम्य साहस का धनी और दिलदार दोस्त बताते हुए उनके निधन को समाज की अपूर्णनीय क्षति बताया।(वार्ता)