अखिलेश यादव के करीबी मेरठ के एसपी MLA रफीक अंसारी गिरफ्तार
100 नोटिस के बाद भी कोर्ट में नहीं हुए थे
अखिलेश यादव के करीबी और समाजवादी पार्टी से मेरठ शहर विधायक हाजी रफीक अंसारी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। विधायक रफीक अंसारी पर वर्ष 1995 में मीट दुकानों पर आगजनी और तोड़फोड़ के मामले में 35-40 लोगों के साथ प्राथमिकी दर्ज हुई थी। इस मामले में 100 के करीब वारंट जारी हुए थे, लेकिन वे कभी भी कोर्ट में पेश नही हुए।
इसके चलते हाईकोर्ट ने उनके गैर जमानती वारंट जारी कर दिए। पुलिस महानिदेशक ने गिरफ्तारी के आदेश मेरठ पुलिस को दिए, जिसके चलते फरार विधायक को मेरठ पुलिस ने लखनऊ से वापस लौटते समय बाराबंकी के जैदपुर से गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद मेरठ पुलिस सपा विधायक हाजी रफीक अंसारी को रात्रि में ही MP, MLA कोर्ट लेकर आई जहां से उन्हें 14 दिन की.न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। हालांकि रफीक अंसारी की तरफ से खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया गया था, लेकिन उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी गई है।
मेरठ पुलिस पिछले 7 दिनों से विधायक रफीक की खोज में दबिश दे रही थी। मेरठ एसएसपी रोहित सजवाण ने रफीक की गिरफ्तारी के लिए डिप्टी एसपी के नेतृत्व में कई टीमें गठित कीं। लेकिन वे दबिश के दौरान मेरठ स्थित घर पर नही मिले। पुलिस को जानकारी मिली कि वे लखनऊ अपने आवास पर हैं तो एक टीम लखनऊ पहुंच गई। रफीक अंसारी जब लखनऊ से वापस मेरठ लौट रहे थे तो पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और आज रात्रि में ही उन्हें एमएलए कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
समाजवादी पार्टी से रफीक अंसारी दूसरी बार शहर सीट पर विधायक हैं। रफीक अंसारी ने मेरठ शहर सीट पर भाजपा के डॉक्टर लक्ष्मीकांत वाजपयी को शिकस्त देकर जीत हासिल की थी। वर्तमान में वे अखिलेश के बेहद करीबी हैं और उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 में भी दावेदारी की थी, लेकिन उनको टिकट नही मिला। इसके बाद उन्होंने मेरठ लोकसभा सीट पर सपा उम्मीदवार सुनीता वर्मा को टिकट दिलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
गौरतलब है कि सितंबर 1995 में हापुड़ रोड पर जाम लगाने और तोड़फोड़ और आगजनी के एक मामले में प्राथमिकी दर्ज हुई थी। मेरठ पुलिस ने रफीक अंसारी समेत कई लोगों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। यह मामला तब से कोर्ट में चल रहा है, हालांकि कोर्ट ने अब तक 22 आरोपियों को बरी कर दिया है, लेकिन रफीक अंसारी कभी कोर्ट में पेश नहीं हुए, जिसके चलते उन पर MP MLA मेरठ कोर्ट ने आईपीसी की धारा 147, 436 और 427 के तहत 101 गैर जमानती वारंट जारी होने के बावजूद भी वे कोर्ट में नही पहुंचे, उन्होंने राहत पाने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया, लेकिन वहां भी रफीक अंसारी की याचिका खारिज हो गई। याचिका रद्द होने के बाद पुलिस महानिदेशक ने सपा विधायक की गिरफ्तारी के आदेश दे दिए। इसके चलते उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है।