वाराणसी (उत्तरप्रदेश)। ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में वाराणसी की जिला अदालत में मुस्लिम पक्ष की दलीलें मंगलवार को पूरी हो गईं और हिन्दू पक्ष ने अपनी दलीलें रखनी शुरू कीं। यह सिलसिला बुधवार को भी जारी रहेगा।
जिला शासकीय अधिवक्ता राणा संजीव सिंह ने बताया कि मुस्लिम पक्ष ने याचिका की पोषणीयता (याचिका सुनवाई करने लायक है या नहीं) पर अपनी दलीलें देने का काम पूरा कर लिया। इसके बाद हिन्दू पक्ष ने अपनी बहस शुरू की, जो बुधवार को भी जारी रहेगी। हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता मदनमोहन यादव ने बताया कि मुस्लिम पक्ष ने पूर्व के कानूनों का हवाला देते हुए मुकदमे की पोषणीयता पर सवाल उठाया और अदालत से आग्रह किया कि वह इस मुकदमे को खारिज कर दे।
उन्होंने बताया कि मुस्लिम पक्ष की दलीलें समाप्त होने के बाद हिन्दू पक्ष ने अपनी दलीलें रखनी शुरू कीं। हिन्दू पक्ष के अधिवक्ताओं ने अदालत के समक्ष कहा कि किसी भी स्थान पर नमाज पढ़ने से वह स्थान मस्जिद नहीं हो जाती। यादव ने कहा कि हिन्दू पक्ष की बहस कल यानी बुधवार को भी जारी रहेगी।
गौरतलब है कि राखी सिंह तथा अन्य ने ज्ञानवापी परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी के विग्रहों की सुरक्षा और नियमित पूजा-पाठ के आदेश देने के आग्रह के संबंध में वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में याचिका दायर की थी जिसके आदेश पर पिछले मई माह में ज्ञानवापी परिसर की वीडियोग्राफी सर्वे कराया गया था।
मुस्लिम पक्ष में इस पर यह कहते हुए आपत्ति की थी कि निचली अदालत का यह फैसला उपासना स्थल अधिनियम 1991 के प्रावधानों के खिलाफ है और इसी दलील के साथ उसने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया था। न्यायालय ने वीडियोग्राफी सर्वे पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था लेकिन मामले को जिला अदालत में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था।
उसके बाद से इस मामले की सुनवाई जिला अदालत में चल रही है। इस मामले की पोषणीयता पर जिला न्यायाधीश एके विश्वेश की अदालत में दलीलें पेश की जा रही हैं। इसी क्रम में मुस्लिम पक्ष ने पहले दलीलें रखीं, जो मंगलवार को पूरी हुईं।(भाषा)