लखनऊ। उत्तरप्रदेश के लखनऊ में कोरोना महामारी के चलते 68 दिन के बाद लखनऊ की सड़कों पर चहल-पहल देखने को मिली और प्रशासन से मिली छूट के अनुसार लखनऊ की गलियों से लेकर मुख्य बाजारों तक दुकानों में रौनक भी देखने को मिली। साथ ही लखनऊ के लोगों में कोरोना महामारी को लेकर जागरूकता भी देखने को मिली और सभी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए चेहरे को मास्क से ढंककर सड़कों पर दिखाई दिए।
लखनऊ पुलिस भी सड़कों पर लोगों को जागरूक करती हुई दिखाई दी। हालांकि केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार उत्तरप्रदेश सरकार ने भी बंदिशों को कम करते हुए बाजार सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक खोलने के ही आदेश दिए हैं। उत्तरप्रदेश के भीतर बस सेवाएं भी शुरू हो गईं।
हालांकि कंटेनमेंट जोन में पाबंदियां 30 जून तक जारी रखने के भी निर्देश हैं। फिर भी अन्य दिनों की अपेक्षा आज का दिन लखनऊ के लिए थोड़ी राहत तो लाया है और 68 दिन के लंबे इंतजार के बाद लॉकडाउन से मिली छूट को लेकर लखनऊ कि आम लोगों में खुशी देखी जा रही है।
सरकार की तरफ से मिली इस छूट को लेकर लखनऊ के लोग क्या सोचते हैं, यह जानने के लिए वेबदुनिया ने लखनऊ की सड़कों पर निकलकर लोगों से बातचीत की। नेहा सक्सेना ने बताया कि कोरोना महामारी को लेकर सरकार के द्वारा जो भी फैसले लिए गए, वे बेहद अच्छे थे, लेकिन 68 दिन तक लखनऊ की सड़कों पर पसरा सन्नाटा इससे पहले उन्होंने कभी नहीं देखा था और न ही इतने सन्नाटे की कल्पना की थी।
आज जब घर से निकलकर हजरतगंज चौराहे तक पहुंची तो लगा कि लखनऊ एक बार फिर उसी रौनक की तरह वापसी कर रहा है जो पहले देखने को मिलती थी। नेहा ने कहा कि इन 68 दिनों में जिंदगी बहुत बदल गई है।
और पता नहीं क्यों सड़क पर जा रहे हर इंसान से अब करोना का खतरा से नजर आने लगा है और इसलिए अपने आप ही लोग एक-दूसरे से सोशल डिस्टेंस मेंटेन करने लगे हैं। नेहा ने लखनऊ के लोगों से अपील की कि सोशल डिस्टेंसिंग से रिश्ते कमजोर नहीं होते हैं बल्कि रिश्ते और मजबूत होते हैं इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग को अपनाते हुए जिंदगी को आगे बढ़ाएं। खुद भी सुरक्षित रहें और दूसरे को भी सुरक्षित रखें।
अतुल कृष्णन व दिलीप आर्या ने कहा कि 68 दिनों के बाद आज घर से निकलने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि यह मौका गंवाना नहीं चाहते हैं, इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए और मास्क से चेहरे को ढंककर निकले हैं।
उन्होंने कहा कि इस महामारी से अगर वे सुरक्षित हैं तो उसके पीछे जिला प्रशासन का बहुत बड़ा हाथ है। इसके लिए वे धन्यवाद कहते हैं। इससे अच्छा हमारे लिए कुछ नहीं हो सकता है कि जिंदगी एक बार फिर से अपनी पुरानी रंगत की तरफ बढ़ चली है और हम ईश्वर से कामना करते हैं कि सब कुछ ठीक रहे। उन्होंने कहा की कोरोना महामारी अभी समाप्त नहीं हुई है इसलिए लखनऊ के लोगों से अपील करते हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बिना काम के घर से बाहर न निकले।
लखनऊ में कोरोना महामारी ने बहुत तेजी से पैर पसार रहा था। यहां संक्रमितों की संख्या भी लगातार बढ़ रही थी। जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने मुस्तैदी से हालातों का सामना करते हुए बेहद कम समय में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को मजबूत बनाया और संक्रमण की रफ्तार पर रोक लगाई।