लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज इलाके में मंगलवार की शाम को एक बहुमंजिला इमारत ढहने के बाद मलबे से अब तक 14 लोगों को निकाला जा चुका है लेकिन तीन अन्य के अभी भी मलबे में फंसे होने की आशंका है। प्रशासन ने इस मामले में अपार्टमेंट के बिल्डर और भवन मालिकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए हैं।
लखनऊ के जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने बताया कि मंगलवार की शाम को ढहे 'अलाया अपार्टमेंट' के मलबे से अब तक 14 लोगों को निकाला जा चुका है। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनमें से 10 की हालत स्थिर मगर खतरे से बाहर है तथा 4 को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि मलबे में अभी तीन और लोगों के दबे होने की आशंका है। उनमें से एक की तरफ से प्रतिक्रिया मिल रही है जबकि बाकी दो लोग कहां दबे हैं, इसका पता लगाया जा रहा है।
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक के मुताबिक, इस चार मंजिला इमारत में 12 फ्लैट थे जिनमें से 9 में लोग रह रहे थे।
गौरतलब है कि लखनऊ के हजरतगंज क्षेत्र में वजीर हसन मार्ग पर मंगलवार को शाम करीब सात बजे एक बहुमंजिला इमारत ढह गई। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें पिछले करीब 13 घंटे से बचाव अभियान चला रही हैं। इस बीच, प्रशासन ने अलाया अपार्टमेंट के बिल्डर और भवन मालिकों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है।
लखनऊ की मंडलायुक्त रोशन जैकब ने बुधवार को लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि हजरतगंज की वजीर हसन रोड पर बनाए गए अलाया अपार्टमेंट के ढहने के मामले में उसके भवन मालिक मोहम्मद तारीफ, नवाजिश और शाहिद के साथ-साथ अपार्टमेंट के बिल्डर यजदान पर मुकदमा दर्ज कराया जाए। नवाजिश को मेरठ से गिरफ्तार कर लिया है। उसे लखनऊ लाया जा रहा है।
मंडलायुक्त ने यह भी आदेश दिए हैं कि लखनऊ शहर में यजदान बिल्डर द्वारा बनवाई गई अन्य इमारतों का चिह्नांकन कर जांच की जाए और अवैध निर्माण या खराब गुणवत्ता वाले निर्माण की स्थिति में तत्काल ध्वस्तीकरण कराया जाए। जिलाधिकारी गंगवार ने कहा कि मामले की जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।