जौनपुर। उत्तर प्रदेश के जौनपुर में पिछले 3 दिनों से एक मस्जिद का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। यह वायरल वीडियो जौनपुर की अटारा मस्जिद का बता कर तेजी से प्रसारित हो जा रहा था।
अटारा मस्जिद भारतीय पुरातत्व विभाग की संरक्षित संरचना है, वीडियो में बताया जा रहा था कि मस्जिद की दूसरी मंजिल को हरे कपड़े से ढका गया है और वीडियो के बैकग्राउंड में घिसाई करने की आवाज आ रही है। इस वीडियो पर कुछ लोग मस्जिद के अंदर घिसाई होने की संभावना प्रकट करते हुए जिला प्रशासन को ट्वीट करके जानकारी दी गई।
जौनपुर के एक अधिवक्ता ने ट्वीट ने डीएम मुनीश कुमार वर्मा को इस वीडियो पर ट्वीट करते हुए जांच के लिए कहा। वीडियो पर संज्ञान लेते हुए प्रशासन ने जांच टीम गठित की और अटारा मस्जिद का निरीक्षण कराया गया।
जांच टीम में भू राजस्व अधिकारी रजनीश राय टीम के साथ पहुंचे और अटारा मस्जिद का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पार्दर्शिता के चलते वीडियोग्राफी भी करवाई गई। जांच टीम ने निरीक्षण में पाया कि अटारा मस्जिद में बदलाव और निर्माण चलने की बात कोरी अफवाह है।
जौनपुर स्थित अटाला मस्जिद भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित है, इसकी देखरेख का पूरा जिम्मा सरकार के पास है। मस्जिद में निर्माण और बदलाव की बात सुनते ही प्रशासन एक्टिव हो गया। वायरल वीडियो जिसमें अटारा मस्जिद को हरे कपड़े से ढ़ककर निर्माण की बात कहीं जा रही थी, जौनपुर प्रशासन की जांच में अफवाह पायी गई है।
सीआरओ रजनीश राय के मुताबिक अटारा मस्जिद में कहीं भी छेड़ नही हुई है, अपितु सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है और उसके बैकग्राउंड में जो आवाज सुनाई दे रही है वह मस्जिद में घिसाई की नही है, बल्कि मस्जिद के सामने एक मकान की हो रही घिसाई की है।
भू राजस्व अधिकारी ने कहा कि यह वीडियो केवल समाज में बिना मतलब के सनसनी फैलाने का काम कर रहा था, जांच के बाद मस्जिद छेड़छाड़ की बात पर पूरी तरह से विराम लग गयख है। जिस किसी ने भी इस तरह की अफवाह फैलाने का काम किया है और ट्वीट किया है वह समाज हित में नही है। हालांकि निरीक्षण के दौरान सीआरओ ने मस्जिद परिसर के आसपास अतिक्रमण पाया है, दुकानदारों को चेतावनी दी गई है कि वह मस्जिद परिसर के आसपास से अतिक्रमण हटा लें।