Jama Masjid Sambhal : उत्तरप्रदेश के संभल जिले की जामा मस्जिद को हिन्दू पक्ष द्वारा अदालत में हरिहर मंदिर बताए जाने के बाद पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच शुक्रवार को जुमे की नमाज अदा की गई। संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि शाही जामा मस्जिद में जुमे की नमाज सकुशल संपन्न हुई जिसमें 7 थानों के पुलिसकर्मियों, प्रादेशिक आर्म्ड कांस्टेबुलरी (पीएसी) सहित ड्रोन कैमरों का सहारा भी लिया गया।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही मस्जिद के आस-पास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। अधिकारियों ने इसके पहले किसी भी तरह की अराजकता होने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी जारी की है। एसपी विश्नोई ने सुबह बताया कि शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए पुलिस ने पैदल मार्च कर लोगों को संदेश दिया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अराजकता फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मौलवी लोग भी यह संदेश दें कि सभी लोग अपनी-अपनी मस्जिद में ही नमाज पढ़ें।
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उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखी जा रही है। दो लोगों को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करने के चलते शांति भंग के तहत उन पर पाबंदी लगाई गई है। ड्रोन से भी नजर रखी जाएगी। संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेसीया ने बताया कि जुमे की नमाज के मद्देनजर पुलिस बल और प्रादेशिक आर्म्ड कांस्टेबुलरी (पीएसी) ने फ्लैग मार्च किया और कुछ लोगों को पाबंद भी किया गया है।
जिलाधिकारी ने बताया कि किसी भी प्रकार की अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि यहां निषेधाज्ञा लागू की गई है, कहीं भी 5 से अधिक लोग इकट्ठा न हों अन्यथा कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता ने बताया कि याचिका में उन्होंने बाबरनामा सहित दो किताबों का उल्लेख किया है।
हरिहर मंदिर को 1529 में बाबर द्वारा तोड़ा गया था : हिन्दू पक्ष के स्थानीय वकील गोपाल शर्मा ने बताया कि सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दाखिल याचिका में उन्होंने बाबरनामा और आइन-ए-अकबरी किताब का भी उल्लेख किया है जिसमें हरिहर मंदिर होने की पुष्टि होती है। उन्होंने दावा किया कि इस मंदिर को 1529 में बाबर द्वारा तोड़ा गया था और अब इस मामले की 29 जनवरी को सुनवाई है।
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शर्मा ने कहा कि 'एडवोकेट कमीशन' की रिपोर्ट आने के बाद वह अपनी आगे की कार्यवाही तय करेंगे। आगे भी सर्वेक्षण कराएंगे के सवाल पर उन्होंने कहा कि निश्चित ही आगे सर्वेक्षण की जरूरत पड़ेगी लेकिन फिलहाल तो एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
संभल जिले की एक अदालत के आदेश पर मंगलवार को जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया। दावा है कि इस मस्जिद का निर्माण किसी मंदिर को खंडित करके किया गया है। याचिकाकर्ता अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत ने जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के लिए 'एडवोकेट कमीशन' गठित करने के निर्देश दिए। अदालत ने कहा है कि कमीशन के माध्यम से वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी सर्वेक्षण कराकर अदालत में रिपोर्ट दाखिल की जाए।
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जैन ने कहा था कि वहां पर बहुत सारे निशान और संकेत हैं जो हिन्दू मंदिर के हैं। इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए अदालत ने यह आदेश जारी किया है। उन्होंने कहा था कि इस मामले में एएसआई, उत्तरप्रदेश सरकार, जामा मस्जिद कमेटी और संभल के जिलाधिकारी को पक्षकार बनाया गया है।(भाषा)(प्रतीकात्मक चित्र)
Edited By : Ravindra Gupta