कानपुर देहात। कानपुर देहात में एक बुजुर्ग किसान पिछले डेढ़ वर्षों से खुद को जिंदा साबित करने के लिए अधिकारियों की चौखट के चक्कर लाकर अधिकारियों से कह रहा है कि 'साहब मैं जिंदा हूं, पेंशन दिलवा दीजिए'। फिर भी वह अपने आपको जिंदा साबित नहीं कर पा रहा है।
बुजुर्ग किसान तहसील के अधिकारियों से लेकर जिला प्रशासन के उच्च अधिकारियों तक गुहार लगा चुका है लेकिन इसके बाद भी वह अपने आप को जिंदा साबित नहीं कर पा रहा है। बुजुर्ग ने थक-हारकर अब खुद को जिंदा साबित करने के लिए कानपुर के मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर को प्रार्थना पत्र देकर खुद को जीवित करने के लिए गुहार लगाई है।
क्या है मामला?: कानपुर देहात के ब्लॉक मालासा क्षेत्र के ग्राम सिथरा बुजुर्ग निवासी राम अवतार को सचिव ने कागजों में मृत घोषित कर दिया जिसकी वजह से बुजुर्ग किसान को तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जब कई महीनों से उसको किसान सम्मान निधि व वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिली तो उसने अधिकारियों की चौखट के चक्कर काटना शुरू कर दिया।
काफी समय तक चक्कर काटने के बाद उसको पता चला कि कागजों में उसे मृत घोषित कर दिया गया है जिसकी वजह उसकी सारी सरकारी सुविधाएं रुकी हुई हैं। जैसे ही किसान ने खुद को मृत होने की बात सुनी तो वह परेशान हो गया और उसने पूरे मामले की जानकारी तहसील प्रशासन को दी लेकिन जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो वह खुद को जिंदा साबित करने के लिए जिला प्रशासन के उच्च अधिकारियों के पास तक गया लेकिन खुद को जिंदा साबित नहीं कर पाया।
थक-हारकर बुजुर्ग किसान ने कानपुर मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर से खुद को जिंदा साबित करने की गुहार लगाई है जिसके बाद मंडलायुक्त कार्यालय से मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने के निर्देश मुख्य विकास अधिकारी को दिए गए हैं।
क्या बोले अधिकारी?: पूरे मामले को लेकर मुख्य विकास अधिकारी सौम्या पांडे ने बताया कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के लिए जांच कमेटी बनाई गई है और उसे 3 दिवस के अंदर जांच कमेटी को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है। रिपोर्ट आने के बाद जो भी दोषी होगा, उसके ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।