इस वर्ष दीपावली को लेकर काफी असमंजस की स्थिति बनी हुई है क्योंकि अमावस्या तिथि दो दिन पड़ रही है जिस कारण से कही दीपावली 31 अक्टूबर को तो कहीं 1 नवंबर को मनाई जा रही है। इसके अपने अलग- अलग मत व सिद्धांत है, किंतु राम नगरी अयोध्या धाम में दीपावली 31 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी जिसकी जानकारी विश्व हिन्दू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने दी।
उन्होंने बताया कि दृक पंचांग के अनुसार 31 अक्टूबर कि दोपहर 3.52 से अमावस्या लग रही है जो कि 1 नवंबर को 6.16 तक रहेगी। शर्मा ने बताया कि इस वर्ष अमावस्या कृष्ण पक्ष कि 14वीं तिथि के साथ पड़ रही है जिस कारण से दीपावली 31 अक्टूबर कि रात्रि कि अमावस्या को ही मनाई जाएगी।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट भी 31 अक्टूबर को ही दीपावली मनाएगा जिसकी जानकारी ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने दी। उन्होंने बताया कि दीपावली का त्योहार मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम द्वारा रावण वध कर लंका पर विजय प्राप्त कर 14 वर्ष का वनवास खत्म कर जब अयोध्या आए तो अयोध्यावासियों ने उनके आने कि खुशी में अयोध्या दीयों से जगमगाते हुए दीपावली का पर्व मनाया और इस वर्ष भी बड़े ही धूमधाम के साथ 31 अक्टूबर को दीपावली का पर्व मनाया जाएगा।
प्रतिष्ठा के बाद पहली दीपावली पर कड़ी सुरक्षा
काफी लंबे संघर्ष व 500 वर्षों के बाद 'रामलला' राम मंदिर में विराजमान हुए। 22 जनवरी 2024 उनकी प्राण-प्रतिष्ठा हुई। विश्वभर से अब तक दो करोड़ से अधिक कि संख्या में राम भक्त दर्शन कर चुके हैं और प्रतिदिन लगातार अभी भी एक लाख के लगभग दर्शनार्थी आ रहे हैं।
योगी सरकार द्वारा शुरू किया दीपोत्सव पर्व अब अयोध्या का महापर्व का स्वरूप ले चुका है। इस वर्ष का दीपोत्सव महापर्व व दीपावली पर्व राम लला के राम मंदिर में प्राण- प्रतिष्ठा के बाद पहला पर्व है। इसे बड़े ही धूमधाम से मनाने कि तैयारी की जा रही है। दूसरी तरफ अयोध्या कि सुरक्षा व्यवस्था को भी काफी सख्त की जा रही है। अयोध्या धाम की सुरक्षा के मद्देनजर तीन सुरक्षा एजेंसियों (एटीएस, एटीएसएफ व सीआरपीएफ) के 200 कमांडो राम मंदिर व उसके आसपास क्षेत्रों कि कड़ी सुरक्षा करेंगे। अयोध्या की जल, थल व नभ तीनों स्तर की सुरक्षा रहेगी। ड्रोन से भी की जाएगी निगरानी।
दीपोत्सव के नए रिकॉर्ड की तैयारी
इस वर्ष उत्तरप्रदेश की योगी सरकार 25 लाख से अधिक दीप दीपोत्सव पर प्रज्वलित कर नए विश्व कीर्तिमान को हासिल करने के प्रयास कर रही जिसकी व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं। इसके लिए 30 हजार के लगभग के वालेंटियरों को जिम्मेदारी दी गई है। संपूर्ण अयोध्या नगरी को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है।