बांकेबिहारी के दरबार में साल 2023 की विदाई और 2024 के आगमन का स्वागत करने के लिए देश के कोने-कोने से भक्तों का सैलाब उमड़ा है। वृंदावन पहुंचे भक्त अपने 2023 में किए पापों की माफी और नववर्ष में प्रगति और खुशहाली के लिए बांके बिहारी के मंदिर में शीश झुकाते नजर आ रहे हैं।
वृंदावन में भीड़ के दबाव के चलते सड़कों पर जाम है, मंदिर परिसर के निकट की गलियां भक्तों से लबालब भरी हुई है। पुलिस-प्रशासन की तरफ से यातायात सुचारू रखने के लिए बनाई गई रणनीति श्रद्धालुओं के आगे फेल हो गई है।
2024 की सुबह वृंदावन में अपने आराध्य की झलक पाने के लिए भक्त आतुर नजर आ रहे हैं। यहां पहुंचे भक्त बांकेबिहारी के दर्शन के बाद बरसाना में राधा रानी व अन्य मंदिरों के भी दर्शन लाभ पाएंगे। 2023 के अंतिम दिन सूर्य ने दर्शन नहीं दिए, वर्ष 2024 का आगमन भी कंपकंपाती ठंड के साथ होने जा रहा है।
बांकेबिहारी मंदिर के सेवायतों द्वारा मंदिर परिसर को गुब्बारों से सजाया गया है, तो वहीं ठाकुरजी के लिए सतरंगी पोषाक विशेष तौर पर तैयार की गई है। मंदिर गर्भगृह के अंदर भगवान को ठंड न लगे इसलिए वहां चांदी से निर्मित अंगीठी जलाई जाएगी। भक्त भी बेताब हैं नए साल की सुबह बांके बिहारी की एक झलक पाकर उनका आशीर्वाद लेते हुए खुद को धन्य कर सकें।
आस्था के सैलाब के आगे मौसम भी फेल हो गया है, हालांकि मंदिर प्रशासन ने बुजुर्ग, बच्चों और बीमार भक्तों से अपील की है कि वे बांकेबिहारी दर्शन के लिए अभी न आएं। भीड़ का दबाव है, जिसमें उन्हें परेशानी हो सकती है।