अयोध्या। रामलला के अस्थायी मंदिर में विराजमान होने के साथ औपचारिक रूप से राम मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस पूरे अनुष्ठान के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे।
रामलला को नए आसन पर विराजमान करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए आशीर्वाद मांगा। उन्होंने कहा कि रामलला हमको इतनी शक्ति दें कि हम न सिर्फ इस आपदा से निपट सकें बल्कि नए भारत के निर्माण में भी आगे बढ़ सकें।
अयोध्या में चैत्र नवरात्र के पहले दिन भोर के ब्रह्म मुहूर्त में रामलला को गर्भगृह से नए अस्थाई मंदिर में शिफ्ट किया गया। इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी 24 मार्च की शाम को ही अयोध्या पहुंच गए और सुबह लगभग 4:30 बजे मुख्यमंत्री राम जन्मभूमि परिसर में पहुंचे और अपने हाथों से लाकर रामलला को उनके नए आसन पर विराजमान किया।
राम जन्मभूमि परिसर में चल रहे अनुष्ठान में सीएम योगी के साथ प्रधान पुजारी सत्येंद्र दास व ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास के उत्तराधिकारी कमल नयन दास, श्रीराम जन्मभूमि तीथ क्षेत्रट्रस्ट के महामंत्री चंपतराय भी मौजूद रहे।
रामलला को सीएम योगी आदित्यनाथ ने, भरत को राजा अयोध्या बिमलेंद्र मिश्र ने, लक्ष्मण को डॉ. अनिल मिश्र ने, शत्रुघ्न को दिनेन्द्रदास तथा शालिग्राम भगवान को महंत सुरेश दास ने वैकल्पिक गर्भगृह में पहुंचाया। आरती पूजन करने के बाद योगी गोरखपुर के लिए रवाना हो गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामलला के लिए 11 लाख रुपए का चेक राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय को सौंपा।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्रीराम अपने नए आसन पर विराजमान होकर हम सब पर अपनी कृपा और अपना आशीर्वाद निरंतर प्रदान करते रहें। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के बीच हम सब अपने अंदर इस प्रकार की ताकत महसूस कर सकें कि इन चुनौतियों का सामना कर सकें।