कानपुर। उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम के चलते कानपुर की चकेरी पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए भ्रष्टाचार के मामले में दर्ज मुकदमे में उत्तरप्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के प्रधान महाप्रबंधक अरुण मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया है। चकेरी पुलिस ने सड़क निर्माण कार्य में हुए भ्रष्टाचार में उसे दोषी माना था।
मिली जानकारी के अनुसार उत्तरप्रदेश के प्रयागराज नेशनल हाईवे से पाली गांव होकर चकेरी औद्योगिक क्षेत्र में जाने वाली 3 किलोमीटर सड़क का निर्माण वर्ष 2009 में यूपीसीडा द्वारा कराया गया था। इसमें 1940 मीटर सड़क को पीडब्ल्यूडी ने कराया था। लेकिन यूपीसीडा के अफसरों ने पीडब्ल्यूडी द्वारा बनाई गई सड़क अपने हिस्से का निर्माण कार्य बताते हुए कार्यों को पूरा दिखाते हुए 2 करोड़ 11 लाख रुपए का बिल पास कर दिया था।
इसकी जानकारी होते ही यूपीसीडा के तत्कालीन प्रबंध निदेशक इफ्तेखारुद्दीन ने 2012 में चकेरी थाने में भ्रष्टाचार से जुड़ा एक मुकदमा पंजीकृत कराया। इसमें तत्कालीन अधिशासी अभियंता अजीत सिंह, सहायक अभियंता नागेंद्र सिंह और अवर अभियंता एसके वर्मा ने मेसर्स कार्तिक इंटरप्राइजेज के खिलाफ चकेरी थाने में भ्रष्टाचार से जुड़ी एफआईआर दर्ज कराई थी जिसमें पुलिस जांच के दौरान प्रधान महाप्रबंधक अरुण कुमार मिश्रा भी दोषी पाए गए थे जिसके चलते एफआइआर में उसका भी नाम जोड़ दिया गया था।
जांच के दौरान विवेचक ने माना कि बिना मौका-मुआयना कराए ही प्रधान महाप्रबंधक अरुण मिश्रा ने फर्म को धनराशि का भुगतान कर दिया था जिसके चलते अरुण मिश्रा की भी संलिप्तता उजागर हो रही थी। इसके बाद से अरुण कुमार मिश्रा की गिरफ्तारी करने का आदेश दिया गया था और उसकी गिरफ्तारी के लिए एक टीम भी गठित की गई थी।
इसी के चलते मंगलवार को गठित की गई टीम में अरुण कुमार मिश्रा को रामादेवी के पास से गिरफ्तार कर लिया गया है और भ्रष्टाचार के मामले में अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तारी होनी है। गिरफ्तारी को लेकर एसपी (पूर्वी) ने बताया कि उत्तरप्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के प्रधान महाप्रबंधक अरुण कुमार मिश्रा को चकेरी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसके ऊपर 2012 में चकेरी थाने में एक भ्रष्टाचार मुकदमा पंजीकृत हुआ था जिसमें वह जांच के दौरान दोषी पाया गया है।